iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं, चावल तथा मोटे अनाजों की नीलामी बिक्री शुरू करने की सैधांनिक अनुमति प्रदान करते हुए इसका न्यूनतम आरक्षित मूल्य भी नियत कर दिया है।
अब खाद्य निगम को यह तय करना है कि बिक्री के लिए खासकर गेहूं का कितना स्टॉक उतारा जाए और साप्ताहिक ई-नीलामी की प्रक्रिया कब से आरंभ की जाए। दरअसल केन्द्रीय पूल में गेहूं का अधिशेष स्टॉक बहुत ज्यादा नहीं है।
खाद्य निगम को पहले राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के अंतर्गत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में वितरण के लिए पर्याप्त गेहूं का स्टॉक मौजूद रखना पड़ेगा।
इसके अलावा यह देखना पड़ेगा कि किसी भी समय केन्द्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक न्यूनतम आवश्यक मात्रा से कम न हो और साथ ही साथ रणनीति रिजर्व के लिए 20 लाख टन गेहूं का अतिरिक्त स्टॉक भी उपलब्ध रहे। इसका उपयोग आपदा के समय में किया जाता है।
इन सब मदों में इस्तेमाल के बाद जो अतिरिक्त स्टॉक बचेगा उसमें से बड़े भाग की बिक्री की जा सकती है। इसके लिए खाद्य मंत्रालय के साथ परामर्श करना होगा।
चूंकि खाद्य मंत्रालय द्वारा घोषित गेहूं का आरक्षित मूल्य 1 अगस्त 2024 से प्रभावी होगा और 31 मार्च 2025 तक वैध रहेगा इसलिए उम्मीद की जा रही है कि गेहूं की नीलामी बिक्री जल्दी ही शुरू की जा सकती है। इसके आरंभ होने पर गेहूं के घरेलू बाजार भाव में कुछ हद तक स्थिरता आने की उम्मीद है।