iGrain India - मास्को (भारती एग्री एप्प)। काला सागर क्षेत्र में अवस्थित देश- रूस के दक्षिणी, मध्यवर्ती एवं साइबेरिया क्षेत्र में मौसम की हालत किसानों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है।
इसके फलस्वरूप रूस में इस बार मटर उत्पादन के अलग-अलग अनुपात लगाए जा रहे हैं। कुछ विश्लेषक वहां इस बार 42 से 44 लाख टन के बीच मटर के उत्पादन की संभावना व्यक्त कर रहे हैं जबकि अन्य समीक्षकों का मानना है कि वास्तविक उत्पादन 40 लाख टन से कम हो सकता है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि भारत में आयात खुलने तथा चीन में नियमित मांग रहने से उत्साहित रूस के किसानों ने इस बार मटर का बिजाई क्षेत्र बढ़ाने का सफल प्रयास किया लेकिन मौसम एवं वर्षा की स्थिति फसल के लिए पूरी तरह अनुकूल नहीं रही।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने दिसम्बर 2023 के प्रथम सप्ताह में पीली मटर के आयात को शुल्क मुक्त करते हुए इस पर लगी सभी शर्तों को वापस ले लिए ले लिया था। इसके शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा फिलहाल 31 अक्टूबर 2024 तक नियत की गई है मगर आवश्यकतानुसार इसे आगे बढ़ाया जा सकता है।
रूस में लगभग 20 लाख टन मटर की औसत वार्षिक घरेलू खपत होती है जिसका मतलब यह हुआ कि 2024-25 के मार्केटिंग सीजन के दौरान वहां 19 से 24 लाख टन के बीच मटर का निर्यात योग्य अधिशेष स्टॉक मौजूद रहेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार जुलाई-दिसम्बर 2023 के दौरान रूस से चीन को 8 लाख टन से अधिक मटर का निर्यात किया गया
जबकि इसी अवधि में स्पेन को भी करीब 4 लाख टन मटर का शिपमेंट हुआ। अब यूरोपीय संघ की कौंसिल ने जून 2024 में रूस तथा बेलारूस से मटर के आयात पर 50 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगा दिया है।
इससे रूसी मटर के लिए स्पेन का बाजार तो लगभग बंद हो जाएगा मगर उसके विकल्प के तौर पर भारत का बाजार उपलब्ध हो जाएगा। चीन और भारत के लिए रूसी मटर का निर्यात मूल्य कुछ घट गया है।