iGrain India - सस्काटून । हालांकि कनाडा पिछले कई वर्षों से चीन को मटर की आपूर्ति करने वाला सबसे प्रमुख दश बना हुआ था। मगर अब रूस ने उसे आधिकारिक रूप से दूसरे स्थान पर धकेल दिया है।
रूस के यूनियन ऑफ ग्रेन एक्सपोर्टर्स के आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के दौरान रूस से चीन को 11.30 लाख टन मटर का शानदार निर्यात किया गया।
इसके फलस्वरूप चीन के मटर बाजार में रूस की हिस्सेदारी बढ़कर 49.1 प्रतिशत पर पहुंच गई जबकि कनाडा की भागीदारी घटकर 44.6 प्रतिशत रह गई।
उल्लेखनीय है कि पहले चीन के मटर बाजार (आयात की दृष्टि से) में कनाडा की भगीदारी 95 से 97 प्रतिशत के बीच रहती थी और यह इसका सबसे बड़ा खरीदार बना हुआ था। लेकिन अब समीकरण बदल गया है।
पल्स कनाडा के अध्यक्ष का कहना है कि चीन में भागीदारी बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन कुछ विशेष कारणों से इसमें ज्यादा सफलता मिलने में संदेह हैं।
अध्यक्ष के मुताबिक कनाडा की भांति रूस में भी मटर का विशाल उत्पादन होता है और इसका भारी-भरकम निर्यात योग्य स्टॉक भी मौजूद रहता है। कनाडा की तुलना में रूस की मटर 40-50 डॉलर प्रति टन सस्ते दाम पर उपलब्ध रहती है जबकि रूस से चीन को निर्यात में समय और भाड़ा भी कम लगता है।
कुछ समीक्षकों का कहना है कि हाल के वर्षों में रूस और चीन काफी नजदीक आए हैं जबकि कनाडा से चीन के संबंध बहुत अच्छे नहीं है।
चीन वस्तुत: कोई बेहतर विकल्प नहीं होने के कारण कनाडा से मटर मंगाने के लिए विवश हो रहा था। जब रूस सामने आया तब उसने कनाडाई मटर के आयात पर निर्भरता घटाने का प्रयास शुरू कर दिया।
चीन में मटर का आयात खाद्य उद्देश्य के लिए कम और पशु आहार निर्माण में उपयोग के लिए ज्यादा होता है इसलिए उसके आयातक मटर की क्वालिटी के बजाए कीमत के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं।
कनाडा की मटर अपेक्षाकृत अच्छी क्वालिटी की होती है और इसका दाम भी ऊंचा रहता है। पिछले साल कनाडा की पीली मटर की खरीद को चाइनीज आयातकों ने कोई प्राथमिकता नहीं दी थी।
उधर भारतीय आयातकों ने भी कनाडा के साथ-साथ रूस से विशाल मात्रा में पीली मटर का आयात शुरू कर दिया।
चालू वर्ष के दौरान चीन तथा भारत के बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कनाडा तथा रूस के बीच जबरदस्त प्रतिस्पर्धा जारी रहने की संभावना है। कनाडा का संबंध भारत के साथ भी अच्छा नहीं है।