iGrain India - नई दिल्ली (भारती एग्री एप्प)। भारतीय प्रधानमंत्री के मास्को दौरे के दौरान जारी आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 के मार्केटिंग सीजन में रूस से भारत में कृषि एवं खाद्य उत्पादों के आयात में 22 गुणा की जोरदार बढ़ोत्तरी हुई।
प्रधानमंत्री ने उर्वरकों की नियमित आपूर्ति करके भारतीय किसानों को राहत देने के लिए रूस के राष्ट्र्पति को धन्यवाद दिया।
चालू वर्ष के आरंभ में रूस ने भारत में उर्वरकों के कुल आयात की लगभग एक-तिहाई मात्रा की भागीदारी निभाई। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि वर्तमान समय में भारत और रूस के बीच करीब 65 अरब डॉलर का द्विपक्षीय कारोबार हो रहा है जिसे वर्ष 2030 तक बढ़ाकर 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
बातचीत खत्म होने के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि रूस और भारत कृषि तथा उर्वरक के क्षेत्र में द्विपक्षीय कारोबार को और भी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और फायटो सैनिटरी पाबंदियों को सरल बनाने की कोशिश की जाएगी।
रशियन एग्रीकल्चर सुपरविजन सर्विस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के दौरान रूस से 893 लाख टन अनाज एवं खाद्य उत्पादों का निर्यात हुआ जो 2022-23 सीजन के शिपमेंट से 21 प्रतिशत अधिक रहा।
रूसी उत्पादों का निर्यात इस अवधि के दौरान भारत में 22 गुणा, इंडोनेशिया में आठ गुणा तथा ट्यूनीशिया में तीन गुणा बढ़ गया। वर्ष 2024 की पहली तिमाही में रूस भारत के कृषि उत्पादों का चौथा सबसे बड़ा।
निर्यातक देश रहा। दरअसल रूस से भारत में मटर, मसूर तथा सूरजमुखी तेल का आयात तेजी से बढ़ा है। दिसम्बर 2023 में भारत सरकार ने पीली मटर का आयात खोल दिया और अब इसकी अवधि 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है।