iGrain India - नई दिल्ली । भारत से चीनी के व्यापारिक निर्यात पर जून 2023 से ही प्रतिबंध लगा है अगर समझा जाता है कि चालू मार्केटिंग सीजन में अक्टूबर 2023 से अब तक लगभग 5 लाख टन चीनी की तस्करी के जरिए बाहर भेजा जा चुका है।
सरकार ने 2022-23 के मार्केटिंग सीजन में 61 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देते हुए इसके शिपमेंट की अंतिम समय सीमा 31 मई 2023 नियत की थी।
उसके बाद अब तक कोई निर्यात कोटा जारी नहीं हुआ मगर तस्करी के माध्यम से इसे बाहर भेजने की प्रक्रिया बरकरार रही।
इस चीनी का अधिकांश भाग नेपाल एवं बांग्ला देश को भेजा गया क्योंकि भारत के साथ उसकी सीमा लगती है और सड़क मार्ग से वहां चीनी भेजना अपेक्षाकृत आसान होता है।
समझा जाता है कि फरवरी से अप्रैल 2024 के दौरान भारत से बड़े पैमाने पर चीनी की स्मगलिंग हुई लेकिन अब इसकी गति धीमी पड़ गई है।
इसके बावजूद सितम्बर 2024 में मौजूदा मार्केटिंग सीजन के समाप्त होने से पूर्व चीनी की कुल तस्करी बढ़कर 7 लाख टन तक पहुंच जाने की संभवना है।
बांग्ला देश में चीनी का भारी अभाव रहता है और अन्य देशों से इसका आयात महंगा बैठता है। यद्यपि भारत में भी चीनी का हाजिर बाजार भाव 40-42 रुपए प्रति किलो के उच्च स्तर पर चलता रहा है मगर फिर भी बांग्ला देश और नेपाल के व्यापारी तस्करी के जरिए आई चीनी को काफी पसंद कर रहे हैं।
अप्रैल के बाद चीनी की तस्करी में कुछ कमी आई है लेकिन यह पूरी तरह बंद नहीं हुई है। सीमा पर चौकसी काफी बढ़ा दी गई है जिससे तस्करों को चीनी की स्मगलिंग करने में भारी कठिनाई होने लगी है।
समझा जाता है कि मई-जून में सुस्ती के बाद जुलाई से इसकी गति पुनः तेज हो सकती थी क्योंकि मानसूनी वर्षा का फायदा उठाकर तस्कर अपनी गतिविधियां तेज कर सकते थे लेकिन सीमावर्ती क्षेत्रों में हाल के दिनों में तस्करी वाली चीनी की कोई बड़ी खेप नहीं पकड़ी गई है। ज्ञात हो कि बंगाल में चीनी का उत्पादन नहीं होता है।