iGrain India - नई दिल्ली । इंडियन वेजिटेबल ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (इवपा) द्वारा आयोजित ग्लोबल राउण्ड टेबल कांफ्रेंस में प्रस्तुत किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2023 की तुलना में 2024 के अंत में इंडोनेशिया तथा मलेशिया में पाम तेल का बकाया स्टॉक कुछ घट जाएगा।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इंडोनेशिया में पाम तेल का कुल उत्पादन 2023 के 48 लाख टन से गिरकर 2024 में 480 लाख टन पर अटक सकता है।
इसी तरह पाम तेल उत्पादों का कुल निर्यात भी 270 लाख टन टन से घटकर 250 लाख टन रह जाने की संभावना है लेकिन घरेलू 230 लाख टन से बढ़कर 239 लाख टन पर पहुंचने के आसार हैं क्योंकि वहां बायोडीजल निर्माण में पाम तेल का भारी उपयोग किया जा रहा है।
मांग एवं आपूर्ति का समीकरण पूरा होने के बाद इंडोनेशिया में पाम तेल का बकाया अधिशेष स्टॉक गत वर्ष के 40 लाख टन से घटकर 2024 में 33 लाख टन रह जाने की संभावना है जिससे उद्योग पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ेगा।
जहां तक मलेशिया का सवाल है तो वहां क्रूड पाम तेल का उत्पादन वर्ष 2023 के 185.50 लाख टन से 8 लाख टन बढ़कर 2024 में 193.50 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है और पाम तेल उत्पादों का निर्यात भी इस अवधि में 151.30 लाख टन से 12 लाख टन उछलकर 163.30 लाख टन पर पहुंच जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
इसके फलस्वरूप वहां वर्ष के अंत में पाम तेल का बकाया अधिशेष स्टॉक 22.90 लाख टन से घटकर 20 लाख टन पर अटक जाने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि विश्व स्तर पर पाम तेल के उत्पादन एवं निर्यात में इंडोनेशिया पहले तथा मलेशिया दूसरे नम्बर पर है। भारत में इन दोनों देशों से विशाल मात्रा में क्रूड पाम तेल एवं आरबीडी पामोलीन का आयात किया जाता है।