iGrain India - नई दिल्ली । मलेशिया के प्लांटेशन एंड कॉमोडिटीज मंत्री ने कहा है कि भारत को भारत को पाम तेल का निर्यात जारी रहेगा और भारतीय ऑयल पाम मिशन को भी समुचित सहयोग-समर्थन दिया जाएगा।
मलेशिया से पाम तेल का जितना वार्षिक निर्यात होता है उसके करीब एक चौथाई भाग का शिपमेंट अकेले भारत को किया जाता है।
बागान मंत्री का कहना है कि मलेशिया भारत के साथ आपसी सहमति का समझौता करना पसंद करेगा ताकि भारत से चावल और चीनी जैसे उत्पादों का आयात सुनिश्चित किया जा सके।
इसी तरह पाम तेल का निर्यात जारी रखने में भी सहायता मिल सके। इस तरह की व्यवस्था लगातार जारी रहनी चाहिए भले ही सरकारी तौर पर कोई नियंत्रण-प्रतिबंध लागू हो।
मलेशियाई मंत्री का कहना था कि समझौते के बगैर भी मलेशिया में भारतीय उत्पाद का आयात हो सकता है जैसा कि चावल के मामले में हो रहा है।
मालूम हो कि मलेशिया सरकारी स्तर पर (डिप्लोमैटिक चैनल के माध्यम से) भारत से गैर बासमती सफेद चावल का आयात कर रहा है।
लेकिन बागान मंत्री ने स्पष्ट किया कि मलेशिया किसी वस्तु विनिमय कारोबार (बार्टर ट्रेड) के पक्ष में नहीं है। द्विपक्षीय कारोबार खुले बाजार मूल्य पर आधारित होना चाहिए।
यदि किसानों को बाजार भाव हासिल नहीं होगा तो वे असंतुष्ट हो सकते हैं। मलेशिया से जनवरी-दिसम्बर 2023 के कारोबार कुल 148 लाख टन पाम तेल का निर्यात हुआ जिसमें से 37 लाख टन का आयात भारत ने किया। वर्ष 2024 में वहां से 150 लाख टन पाम तेल का निर्यात हो सकता है।