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बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने हेतु खाद्य तेलों का विशाल आयात जारी रहने की संभावना

प्रकाशित 22/07/2024, 11:38 pm
बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने हेतु खाद्य तेलों का विशाल आयात जारी रहने की संभावना
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iGrain India - नई दिल्ली । जनसंख्या एवं प्रति व्यक्ति आय में हो रही बढ़ोत्तरी और लोगों की बदलती खाद्य शैली के कारण देश में खाद्य तेलों की मांग एवं खपत तेजी से बढ़ती जा रही है जबकि इसके अनुरूप स्वदेशी उत्पादन में वृद्धि नहीं हो रही है। इसे देखते हुए भविष्य में भी विदेशों से विशाल मात्रा में खाद्य तेलों का आयत जारी रहने की संभावना है।

 एक अनुभवी उद्योग विश्लेषक एवं सनविन ग्रुप के सीईओ का कहना है कि भारत सिर्फ खाद्य तेलों के आयात को वर्तमान स्तर पर स्थिर रखने का प्रयास कर सकता है क्योंकि इसकी खपत की वृद्धि दर वर्ष 2030 तक इसके घरेलू उत्पादन से ज्यादा ऊंची रहेगी।

खाद्य तेलों के आयात में ज्यादा गिरावट आना मुश्किल लगता है और ऐसी हालत में अधिक से अधिक यह प्रयास किया जा सकता है कि आयात में ज्यादा बढ़ोत्तरी न हो।

अगर आयात को आगामी वर्षों में भी वर्तमान स्तर के आसपास स्थिर रखने में सफलता मिलती है तो यह काफी अच्छी बात होगी।

भारत में खाद्य तेलों का वार्षिक आयात बढ़कर अब 160 लाख टन के करीब पहुंच गया है। विश्लेषक के मुताबिक वर्ष 2030 तक देश में खाद्य तेलों का सालाना उपयोग बढ़कर 290 लाख टन पर पहुंच जाने का अनुमान है जबकि उस समय तक यात्री अगले पांच वर्षों में इसका घरेलू उत्पादन 120 लाख टन तक ही पहुंचने की संभावना है।

इससे आयात पर निर्भरता और बढ़ सकती है।  सनविन के सीईओ के अनुसार सितम्बर 2024 तक मलेशिया में क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का वायदा भाव 3750-4100 रिंगिट प्रति टन तथा शिकागो एक्सचेंज में सोया तेल का वायदा मूल्य 43.50/47.50 सेंट प्रति पौंड के बीच रहने की संभावना है।

वैश्विक स्तर पर बायोडीजल निर्माण में खाद्य तेलों का उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। चालू वर्ष के दौरान विश्व स्तर पर 20.25 करोड़ टन खाद्य तेल का उत्पादन  होने का अनुमान है जिसके 31 प्रतिशत भाग का उपयोग जैव ईंधन के निर्माण में हो सकता है। 

एक अन्य विश्लेषक ने सरकार से तिलहन-तेल में वायदा कारोबार पर लगी रोक को जल्दी से जल्दी हटाने का आग्रह किया है।

मालूम हो कि वर्ष 2021 में सेबी ने गेहूं, चना, सरसों, क्रूड पाम तेल, मूंग, बासमती धान तथा सोयाबीन एवं इसके उत्पाद पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगाया था जिसे बाद में बढ़ाकर 20 दिसम्बर 2024 तक नियत कर दिया गया।    

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