iGrain India - मुम्बई । उद्योग-व्यापार क्षेत्र के विश्लेषकों का मानना है कि जून की तुलना में जुलाई के दौरान देश में पाम तेल एवं सोया तेल का आयात बढ़ेगा जबकि सूरजमुखी तेल के आयात में कमी आएगी।
समीक्षाधीन माह के दौरान सोयाबीन तेल का आयात 45 प्रतिशत उछलकर 4 लाख टन पर पहुंचने की उम्मीद है जो पिछले 13 महीनों का उच्चतम स्तर होगा। सोयाबीन तेल का आयात मुख्यत: अर्जेन्टीना एवं ब्राजील से होता है।
वहां से सोया तेल की खेप को भारत पहुंचने में छह सप्ताहों से अधिक का समय लग जाता है। समझा जाता है कि कुछेक खेपों को जून में भारतीय बंदरगाहों पर पहुंचना था मगर उसमें देर हो गई और उसका कार्गो जुलाई में ही पहुंच सका।
जहां तक सूरजमुखी तेल का सवाल है तो जुलाई 2024 में इसका आयात घटकर 3.80 लाख टन पर सिमटने का अनुमान लगाया जा रहा है जो जून के रिकॉर्ड आयात से करीब 18 प्रतिशत कम है।
रूस, रोमानिया, यूक्रेन तथा अर्जेन्टीना से भारत में सूरजमुखी तेल का बड़े पैमाने पर आयात किया जाता है जबकि पाम तेल का आयात मुख्यत: इंडोनेशिया, मलेशिया एवं थाईलैंड से होता है।
पाम तेल एवं सोयाबीन तेल के दाम में 100 डॉलर प्रति टन से अधिक का अंदर होने के कारण भारतीय रिफाइनर्स ने जुलाई डिलीवरी के लिए विशाल मात्रा में पाम तेल (सीपीओ) का आयात अनुबंध मई-जून में किया था।
ज्ञात हो कि अप्रैल में इन दोनों प्रतिद्वंदी खाद्य तेलों के मूल्य में महज 10 डॉलर प्रति टन का अंतर था जिससे भारत में पाम तेल का आयात घटा गया था और सोयाबीन तेल के आयात में बढ़ोत्तरी हो गई थी। जुलाई में समीकरण बदल गया।