iGrain India - धनिया में व्यापार कम : भाव नरम
नई दिल्ली । चालू सप्ताह के दौरान धनिया की कीमतों में नरमी रही। जानकार सूत्रों का कहना है कि विदेशों से आयात होने के समाचारों एवं कुछ मसाला कंपनियों पर निर्यात प्रतिबंध लगा दिए जाने से भी हाजिर में धनिया का उठाव भी प्रभावित हुआ है। लोकल मांग भी कम रही। वर्तमान निर्यात को देखते हुए हाल-फिलहाल धनिया की कीमतों में अधिक तेजी के आसार नहीं है। उल्लेखनीय है कि विगत 2 माह से धनिया की कीमतों में 2/3 रुपए प्रति किलो का मंदा-तेजी के बीच ही बाजार चल रहे हैं।
कीमतों में गिरावट
चालू सप्ताह के दौरान हाजिर एवं वायदा बाजार में धनिया के भाव दबे रहे। आयात के समाचारों के चलते स्टॉकिस्टों ने अपना स्टॉक हल्का करने के लिए बिकवाली का दबाव बढ़ा दिया है। जिस कारण से मंडियों में आवक में भी सुधार दर्ज किया गया और हाजिर बाजारों में धनिया के भाव 100/200 रुपए प्रति क्विंटल तक मंदे के साथ बोले गए। वायदा बाजार में अगस्त माह का धनिया 7280 रुपए खुलने के पश्चात सप्ताह के अंत में 7184 रुपए पर बंद हुआ है। जबकि सितम्बर माह का धनिया 7376 रुपए खुलने के पश्चात 7288 रुपए पर बंद हुआ है।
अधिक मंदा नहीं
जानकार सूत्रों का कहना है कि धनिया की वर्तमान कीमतों में अब अधिक मंदा नहीं है। क्योंकि भाव न्यूनतम स्तर पर आ गए हैं। स्टॉकिस्ट अब भाव घटाकर बिकवाली करने के पक्ष में नहीं है। कारोबारियों का मानना है कि अगस्त-सितम्बर माह में धनिया के भाव सीमित दायरे में बढ़ने रहेंगे। लेकिन अक्टूबर नवम्बर माह में भाव बढ़ने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। क्योंकि अगस्त माह में आयातित धनिया की आवक भी हो जाएगी। इसके अलावा किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य न मिलने के कारण आगामी वर्ष के लिए किसान धनिया की बिजाई कम क्षेत्रफल पर करने की संभावना व्यक्त की जा रही है। जिस कारण से अक्टूबर-नवम्बर माह में धनिया की कीमतों में 8/10 रुपए की तेजी बनने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
आवक में सुधार
हाल फ़िलहाल कीमतों में तेजी की संभावना ने होने के कारण स्टॉकिस्टों ने धनिया की बिकवाली बढ़ा दी है जिस कारण से मंडियों में दैनिक आवक बढ़नी शुरू हो गई है। प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात की गोंडल मंडी में आवक 4000 बोरी एवं राजकोट में आवक 1200 बोरी की हो गई है। राजस्थान की रामगंज मंडी में आवक बढ़कर 3500/4000 बोरी की हो गई है जोकि एक सप्ताह पूर्व 2000/2500 बोरी की आवक हो रही थी। मध्य प्रदेश में बारिश होने के कारण मंडियों में आवक कम रही लेकिन बारिश होने से पूर्व कुम्भराज मंडी में आवक 1500/2000 बोरी एवं गुणा में 3500/4000 बोरी की आवक हो रही थी।
बिजाई
जानकार सूत्रों का कहना है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए संभावना व्यक्त की जा रही है कि दूसरे वर्ष भी देश में धनिया के बिजाई क्षेत्रफल में गिरावट आएगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में देश में धनिया की बिजाई लगभग 5 लाख हेक्टेयर पर हुई थी जोकि वर्ष 2024 में घटकर 3.60/3.70 लाख हेक्टेयर की रह गई। उत्पादक केन्द्रों पर धनिया की बिजाई अक्टूबर-नवम्बर माह में शुरू हगि। अब नए मालों की आवक फरवरी-मार्च माह में शुरू होती है। धनिया का मुख्यत उत्पादन मध्य प्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान में होता है।
आयात
देश में पर्याप्त मात्रा में धनिया की पैदावार होने के बावजूद आयातक विदेशों में धनिया का आयात करते है। आयातित माल की क्वालिटी हल्की होने के कारण आयात सस्ता पड़ता है जोकि मिक्सिंग में कम आता है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023-24 के दौरान 28828 टन धनिया का आयात किया गया जबकि वर्ष 2022-23 में आयात 31383 टन का किया गया था। वर्ष 2021-22 में 15603 टन एवं 2020-21 में 8777 टन का आयात किया गया।
निर्यात
चालू वित्त वर्ष 2024-25 के प्रथम दो माह अप्रैल-मई 2024 के दौरान धनिया निर्यात में गिरावट दर्ज की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल-मई 2024 के दौरान धनिया का निर्यात 11546.61 टन का निर्यात हुआ जबकि वर्ष 2023 के अप्रैल-मई माह में धनिया का निर्यात 36932.86 टन का निर्यात किया गया था। वर्ष 2023-24 के (अप्रैल-मार्च) के दौरान धनिया का रिकॉर्ड निर्यात 108624 टन का किया गया। जोकि अब तक के इतिहास में सर्वोच्च निर्यात हुआ है। वर्ष 2022-23 में निर्यात 54481 टन का रहा था।