iGrain India - मुम्बई । बांग्ला देश में जारी राजनैतिक संकट एवं उपद्रव के कारण भारत से सभी तरह के परिवहन रोक दिया गया। हवाई सेवा एवं रेल सेवा बंद हो गई है।
सीमा के आर पार वाहनों की कोई आवाजाही नहीं हो रही है और न ही वहां बंदरगाहों पर सुचारु ढंग से काम हो रहा है। इसके फलस्वरूप भारत से बांग्ला देश को अन्य उत्पादों के साथ रूई का निर्यात भी ठप्प पड़ गया है।
भारत से बांग्ला देश को 2.4 अरब डॉलर मूल्य की रूई का निर्यात होता रहा है। बांग्ला देश संसार के एक महत्वपूर्ण टेक्सटाइल केन्द्र के रूप में उभर रहा है।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत से रूई के कुल निर्यात में बांग्ला देश के आयात की भागीदारी वित्त वर्ष 2012-13 में 16.8 प्रतिशत थी जो वित्त वर्ष 202324 तक आते-आते दोगुनी वृद्धि के साथ 34.9 प्रतिशत पर पहुंच गई। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत से बांग्ला देश को जितना निर्यात हुआ उसमें कपास की हिस्सेदारी करीब एवं चौथाई रही।
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान बांग्ला देश भारतीय रूई का सबसे प्रमुख खरीदार बना रहा जहां चीन की तुलना में करीब दोगुनी मात्रा में रूई का निर्यात किया गया। ध्यान देने वाली बात है कि स्वयं चीन भी भारतीय रूई का दूसरा सबसे बड़ा आयातक रहा।
भारत से रूई का निर्यात कई अन्य देशो को भी किया जाता है मगर बांग्ला देश सबसे विश्वसनीय बाजार माना जाता है।
दरअसल भारत से बांग्ला देश को सड़क मार्ग, रेल मार्ग एवं समुद्री मार्ग-तीनों माध्यमों से निर्यात की व्यवस्था है। निकटतम पूर्वी पड़ोसी होने के कारण भारत से बांग्ला देश को माल मंगाना सस्ता पड़ता है।
अभी वहां हालात ठीक नहीं हैं इसलिए कुछ समय तक भारत के निर्यातक उसे कोई सामान भेजना पसंद नहीं करेंगे। स्थिति सामान्य होने में कितना समय लगता है यह देखने वाली बात होगी।