iGrain India - सिडनी (भारती एग्री एप्प)। नियमित अंतराल पर प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में अच्छी बारिश होने से ऑस्ट्रेलिया में गेहूं की फसल का परिदृश्य बेहतर हो गया है जिससे इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। जुलाई से ही वहां गेहूं के दाम में नरमी का रुख बना हुआ है।
इसके आलावा एशियाई देश अब उत्तरी गोलार्द्ध के देशो और खासकर अमरीका, कनाडा, रूस, यूक्रेन एवं यूरोपीय संघ से गेहूं के आयात को प्राथमिकता दे रहे हैं जहां इसके नए माल की आवक शुरू हो गई है अथवा आरंभ होने वाली है। सबकी निगाहें ऑस्ट्रेलिया में गेहूं की फसल पर तथा यूरोपीय संघ के उत्पादन आंकड़े पर केन्द्रित है।
जुलाई माह के अंत में ऑस्ट्रेलिया में प्रीमियम क्वालिटी के सफेद गेहूं का भाव 264 डॉलर प्रति टन तथा स्टैंडर्ड क्वालिटी के सफेद गेहूं का दाम 257 डॉलर प्रति टन दर्ज किया गया।
इससे पूर्व जुलाई के आरंभ में प्रीमियम गेहूं का मूल्य 278 डॉलर प्रति टन तथा स्टैंडर्ड गेहूं का मूल्य 266 डॉलर प्रति टन चल रहा था। इस तरह एक माह में ही वहां गेहूं के दाम में क्रमश: 14 डॉलर तथा 9 डॉलर प्रति टन की गिरावट आ गई।
उत्तरी गोलार्द्ध के देशों में नई फसल की कटाई-तैयारी शुरू होने से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ने लगी है जबकि वैश्विक मांग कमजोर पड़ गई है। इसका असर ऑस्ट्रेलियाई गेहूं की कीमतों पर भी देखा जा रहा है।
अमरीकी डॉलर की तुलना में ऑस्ट्रेलियाई डॉलर के कमजोर पड़ने से भी कुछ विक्रेताओं को दाम घटाकर अपना उत्पाद बेचने का प्रोत्साहन मिल रहा है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई निर्यातकों को महसूस हो रहा है कि यदि गेहूं का निर्यात ऑफर मूल्य 2-3 डॉलर घटा दिया जाए तो कई नए खरीदार सामने आ सकते हैं।
वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया तथा साउथ ऑस्ट्रेलिया प्रान्त से गेहूं के अधिकांश पुराने स्टॉक का निर्यात पहले ही हो चुका है लेकिन विक्टोरिया तथा पूर्वी तट के राज्यों में उत्पादकों के पास अब भी गेहूं का अच्छा खासा स्टॉक अभी मौजूद है।
उत्पादक इसकी बिक्री जल्दी से जल्दी करना चाहते हैं क्योंकि दो माह के अंदर नई फसल की कटाई-तैयारी शुरू होने वाली है।