iGrain India - नई दिल्ली । खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत सरकारी स्टॉक से गेहूं की बिक्री में अनिश्चितता का माहौल रहने तथा मिलर्स / प्रोसेसर्स की मांग मजबूत होने से थोक मंडियों में गेहूं का भाव तेज होने लगा है जबकि यह पहले से ही न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊंचा चल रहा था।
भारतीय खाद्य निगम के साथ गेहूं का सीमित अधिशेष स्टॉक बचा हुआ है और इसलिए सरकार शायद इसकी बिक्री शुरू करने के लिए सही समय का इंतजार कर रही है।
प्रमुख थोक मंडियों में भी गेहूं की आवक कम हो रही है जबकि इसमें त्यौहारी सीजन की अच्छी मांग निकलने लगी है।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक गेहूं के दाम में आगे 50-100 रुपए प्रति क्विंटल का और इजाफा होने की उम्मीद है। चालू माह के आरंभ में दिल्ली में गेहूं का भाव 2680 रुपए प्रति क्विंटल था जो अगले 9 दिनों में 80 रुपए बढ़कर 2770 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। गेहूं के दाम में हुई वृद्धि का असर मैदा और सूजी की कीमतों पर भी देखा जा रहा है।
उधर मुम्बई के वाशी मार्केट में गेहूं का मूल्य 10 अगस्त को 100 रुपए बढ़कर 28.50 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। चालू सप्ताह में यह 50 रुपए और बढ़कर 2900 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया समीक्षकों के मुताबिक कम आपूर्ति एवं मजबूत मांग के कारण गेहूं की कीमतों में शीघ्र ही 50-100 रुपए की और तेजी आ सकती है
क्योंकि मिलर्स / प्रोसेसर्स इसकी खरीद में भारी रूचि दिखा रहे हैं। आमतौर पर त्यौहारी सीजन के दौरान परिवहन खर्च तथा मजदूरों का पारिश्रमिक भी बढ़ जाता है जिससे कीमतों में और तेजी महसूस होने लगती है।
मानसून सीजन के दौरान सामान्य: मंडियों में गेहूं की आवक घट जाती है और उसके बाद त्यौहारी सीजन की मांग बढ़ने लगती है।
पहले उम्मीद की जा रही थी कि अगस्त के प्रथम सप्ताह से सरकारी गेहूं की बिक्री शुरू हो जाएगी क्योंकि सरकार ने इसका न्यूनतम आरक्षित मूल्य निर्धारित कर दिया था मगर अब मध्य औसत आ गया है और बिक्री शुरू होएं का कोई संकेत नहीं मिल रहा है।
1 अगस्त को खाद्य निगम के पास 268 लाख टन गेहूं का स्टॉक मौजूद था जो जुलाई से 5 प्रतिशत, अगस्त 2023 से 4.4 प्रतिशत तथा न्यूनतम बफर स्टॉक 275.80 लाख टन के करीब 3 प्रतिशत कम था।