iGrain India - पेरिस । वर्ल्ड फार्मर्स आर्गेनाइजेशन (डब्ल्यू एफओ) के अध्यक्ष ने कहा है कि यूरोपीय संघ में गेहूं के सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश- फ्रांस में 2024-25 के मार्केटिंग सीजन (जुलाई-जून) के दौरान इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न के उत्पादन में लगभग 100 लाख टन की जबरदस्त गिरावट आ सकती है।
फ्रांस में 2023-24 के मुकाबले 2024-25 सीजन के दौरान गेहूं के बिजाई क्षेत्र में 17 प्रतिशत तथा औसत उपज में दर में 15 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है जिससे वहां इसका कुल उत्पादन घटकर 260 लाख टन के करीब सिमट जाने की संभावना है। आमतौर पर फ्रांस में औसतन 350-360 लाख टन गेहूं का सालाना उत्पादन होता है।
डब्ल्यू एफओ के अध्यक्ष के अनुसार फ़्रांस में फसल कटाई के दौरान अत्यधिक बारिश होने तथा खेतों में नमी का अंश बहुत बढ़ जाने से गेहूं की क्वालिटी भी प्रभावित होने के संकेत मिल रहे हैं जिससे खाद्य उद्देश्य के लिए इसकी उपलब्धता कम रहेगी।
इसकी क्वालिटी के गेहूं का इस्तेमाल पशु आहार (फीड) निर्माण में होगा। इस कमजोर गुणवत्ता वाले गेहूं का दाम अपेक्षाकृत नीचे रहता है।
उत्पादन में भारी गिरावट आने तथा क्वालिटी कमजोर रहने से फ़्रांस में गेहूं का निर्यात योग्य स्टॉक काफी घट जाएगा और वहां से इसके कुल निर्यात में 2023-24 के मुकाबले 2024-25 के मार्केटिंग सीजन में गेहूं के निर्यात में 50 प्रतिशत तक की जोरदार गिरावट आने का अनुमान लगाया जा रहा है।
इससे अल्जीरिया जैसे अफ़्रीकी देशों में रूस को अपने गेहूं का निर्यात बढ़ाने का शानदार अवसर मिल सकता है। अल्जीरिया वस्तुतः फ्रांस का उपनिवेश रह चुका है और परम्परागत रूप से वह फ्रेंच गेहूं का एक प्रमुख खरीदार भी है। लेकिन यदि फ़्रांस से निर्यात घट गया तो वह रूस से इसका आयात बढ़ाने का प्रयास करेगा।
फ्रास को यूरोपीय संघ के अन्य सदस्य देशों में भी गेहूं की घरेलू मांग एवं जरूरत को करना पड़ता है। जर्मनी में भी प्रतिकूल मौसम के कारण गेहूं का उत्पादन प्रभावित होने की खबर मिल रही है।