iGrain India - मिलर्स-प्रोसेसर्स को सरकारी गेहूं की आस - घरेलू मंडियों में उतार-चढ़ाव
नई दिल्ली । फ्लोर मिलर्स एवं प्रोसेसर्स को उम्मीद है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा जल्दी ही खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं में साप्ताहिक ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। बेशक सरकारी गोदामों में गेहूं का विशाल अधिशेष स्टॉक मौजूद नहीं है और इसकी अगली नई फसल आने में बहुत देर है इसलिए सरकार को काफी सोच समझकर निर्णय लेना पड़ रहा है लेकिन बिक्री की औपचारिक घोषणा जुलाई में ही हो गई थी इसलिए अगस्त में कभी भी इसकी प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद की जा रही है।
दिल्ली
10 से 16 अगस्त वाले सप्ताह के दौरान दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का भाव 10 रुपए गिरकर 2760/2770 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। उधर गुजरात के गोंडल में गेहूं का दाम 200 रुपए उछलकर मगर राजकोट में 200 रुपए घट गया।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश की अधिकांश मंडियों में सीमित आवक एवं कमजोर कारोबार के साथ भाव स्थिर देखा गया लेकिन उज्जैन में यह 36 रुपए सुधरकर 2675/3250 रुपए प्रति क्विंटल हो गया जबकि खंडवा में 25 रुपए गिरकर 2650/2775 रुपए प्रति क्विंटल रह गया।
राजस्थान / उत्तर प्रदेश
राजस्थान की बारां मंडी में गेहूं का दाम 100 रुपए की वृद्धि के साथ 2600/2800 रुपए पर पहुंचा। उत्तर प्रदेश की विभिन्न मंडियों में गेहूं के दाम में 20 से 60 रुपए तक का इजाफा हुआ जबकि मुख्य वृद्धि 35-45 रुपए प्रति क्विंटल की हुई। मंडियों में भाव सरकारी समर्थन मूल्य से ऊंचा होने के बावजूद गेहूं की सीमित आवक।
स्टॉक
समझा जाता है कि बड़े-बड़े उत्पादकों के पास गेहूं का अच्छा स्टॉक मौजूद है लेकिन वे इसकी बिक्री के लिए सही समय का इंतजार करना चाहते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री कब से आरंभ होती है। इसकी कितनी मात्रा निर्धारित की जाती है और कब तक इसकी प्रक्रिया जारी रहती है क्योंकि दिसम्बर से फरवरी के दौरान गेहूं की भारी किल्लत महसूस होती है।