iGrain India - नई दिल्ली । खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत केन्द्रीय पूल से गेहूं की साप्ताहिक ई-नीलामी की प्रक्रिया अगले महीने (सितम्बर) से आरंभ होने की संभावना है।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक सरकारी गोदामों में स्टॉक की मौजूदा स्थिति को देखते हुए प्रतीत होता है कि गेहूं की समुचित मात्रा की आपूर्ति त्यौहारी सीजन में हो सकती है।
आमतौर पर मांग मजबूत रहने से त्यौहारी सीजन में गेहूं का भाव ऊंचा हो जाता है और इसलिए सरकार को घरेलू बाजार में अपना स्टॉक उतारने की सख्त आवश्यकता महसूस हो सकती है।
वर्तमान समय में केन्द्रीय पूल मे 58.90 लाख टन गेहूं का स्टॉक मौजूद है जो 1 अक्टूबर 2024 के लिए आवश्यक न्यूनतम बफर स्टॉक 205.20 लाख टन से काफी अधिक है।
समझा जाता है कि आरंभिक चरण में सरकार ओएमएसएस के तहत बिक्री के लिए 25 लाख टन गेहूं का स्टॉक नियत कर सकती है।
बल्क खरीदारों-फ्लोर मिलर्स एवं प्रोसेसर्स को अभी सरकारी गेहूं की सख्त जरूरत है क्योंकि घरेलू मंडियों में इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न की सीमित आवक हो रही है और कीमत चल रही है।
उधर सरकार भी सैद्धान्तिक रूप से अपने स्टॉक में मौजूद गेहूं की सीमित मात्रा की बिक्री करने के लिए तैयार है और इसके लिए गेहूं का आरक्षित मूल्य भी निर्धारित कर चुकी है।
मगर व्यावहारिक तौर पर इसकी बिक्री की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। पिछले वित्त वर्ष में 28 जून 2023 से 28 फरवरी 2024 के दौरान केन्द्रीय पूल से 94 लाख टन से अधिक गेहूं की रिकॉर्ड बिक्री हुई थी।
सरकार को अहसास हो गया है कि भंडारण सीमा लागू करने के बावजूद न तो खुले बाजार में गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ सकी और न ही कीमतों में नरमी आ सकी। अब सरकारी स्टॉक की बिक्री से ही बाजार पर कुछ मनोवैज्ञानिक असर पड़ सकता है।