iGrain India - नई दिल्ली । जिन व्यापारियों, फ्लोर मिलर्स एवं प्रोसेसर्स ने आगे दाम बढ़ने की संभावना से ऊंचे भाव पर गेहूं खरीदार उसका स्टॉक बना रखा है
उन्हें इस खबर से झटका लग सकता है कि केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 के दौरान प्रत्येक माह खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 10 लाख टन गेहूं बेचने का प्लान बनाया है।
इस छह माह की अवधि के दौरान करीब 55 लाख टन सरकारी गेहूं का स्टॉक उतारा जा सकता है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा साप्ताहिक ई-नीलामी के जरिए इस गेहूं की बिक्री की जाएगी जिसके आरक्षित मूल्य का निर्धारण पहले ही हो चुका है।
उल्लेखनीय है कि पिछले वित्त वर्ष में 28 जून 2023 से 28 फरवरी 2024 के दौरान ओएमएसएस के तहत 94 लाख टन से अधिक गेहूं की बिक्री हुई थी।
सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि यद्यपि जुलाई 2023 के मुकाबले जुलाई 2024 के दौरान गेहूं के थोक एवं खुदरा मूल्य में 6 प्रतिशत से भी कम की बढ़ोत्तरी हुई
मगर व्यापारियों की खरीद के औसत मूल्य में 8 प्रतिशत का इजाफा हो गया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकार ने इस बार ओएमएसएस के तहत बिक्री के लिए 55 लाख टन गेहूं का स्टॉक चिन्हित कर दिया है जो पिछले वित्त वर्ष के दौरान बेचे गए स्टॉक से काफी कम है।
फरवरी 2024 में आयोजित साप्ताहिक नीलामी में 5 लाख टन गेहूं की बिक्री का ऑफर दिया गया था जिसमें से लगभग 95 प्रतिशत भाग की बिक्री हो गई थी।
लेकिन सरकार को लगता है कि इस वर्ष गेहूं की मांग अपेक्षाकृत कम रहेगी क्योंकि अप्रैल से जून के बीच रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान मिलर्स-प्रोसेसर्स एवं व्यापारी गेहूं की खरीद में काफी सक्रिय रहे थे। उन्हें आगामी समय में इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का भाव ऊंचा रहने का भरोसा था।
हालांकि गेहूं के सरकारी उत्पादन आंकड़े से उद्योग-व्यापार क्षेत्र सहमत नहीं है मगर इतना अवश्य मानता है कि 2022-23 सीजन की तुलना में 2023-24 सीजन के दौरान गेहूं की घरेलू पैदावार बेहतर हुई। वैसे गेहूं की सरकारी खरीद नियत लक्ष्य से काफी पीछे रह गई।