iGrain India - लंदन । इंटरनेशनल ग्रेन्स कौंसिल (आईजीसी) ने भारत से वित्त वर्ष 2023-24 तथा 2024-25 में 3-3 लाख टन गेहूं से निर्यात का अनुमान लगाया है।
2023-24 का वित्त वर्ष समाप्त हो चुका है जबकि 2024-25 का वित्त वर्ष अभी चल रहा है। ध्यान देने की बात है कि भारत से गेहूं के व्यापारिक निर्यात पर वर्ष 2022 से ही प्रतिबंध लगा हुआ है मगर सरकारी स्तर पर इसके शिपमेंट पर कोई रोक नहीं है।
जहां तक भारत में गेहूं के उत्पादन की बात है तो इसमें आई जीसी तथा केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में कोई फर्क नहीं है।
कृषि मंत्रालय ने 2023-24 के रबी मार्केटिंग सीजन में 1106 लाख टन तथा 2024-25 के मार्केटिंग सीजन में 1129 लाख टन गेहूं के घरेलू उत्पादन का अनुमान गया है जो आईजीसी के आंकड़ों के बराबर ही है।
उल्लेखनीय है कि रिकॉर्ड घरेलू उत्पादन के बावजूद गेहूं की सरकारी खरीद अपने नियत लक्ष्य से बहुत पीछे रह गई और पिछले साल की तुलना में भी केवल करीब 4 लाख टन ही बढ़ सकी।
इसके फलस्वरूप सरकारी गोदामों में इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न के स्टॉक में ज्यादा बढ़ोत्तरी नहीं हो सकी और इसलिए सरकार को खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत अपने स्टॉक से बिक्री शुरू करने के लिए सोचना पड़ रहा है।
पिछले साल जून के अंतिम सप्ताह से इसकी शुरुआत हो गई थी मगर इस वर्ष अगस्त के अंतिम सप्ताह में भी यह आरंभ नहीं हो सकी है। गेहूं का थोक एवं खुदरा भाव सरकारी समर्थन मूल्य से काफी ऊंचा चल रहा है जिससे आम लोगों को कठिनाई हो रही है।