iGrain India - ओटावा । कनाडा में दो प्रमुख खंडों में रेल कर्मियों की हड़ताल की घोषणा से कृषि उत्पादकों एवं निर्यातकों की चिंता तथा बेचैनी काफी बढ़ गई थी और अनिश्चितता का वातावरण पैदा हो गया था लेकिन अब उसकी गतिविधि वापस पट्टी पर लौट आई है।
इंडस्ट्रियल लेबर रिलेशंस बोर्ड ने राष्ट्रीय रेल सेवा के परिचालन का आदेश देने का निर्णय लिया जो 26 अगस्त 2024 की रात में 12-01 बजे से प्रभावी हो गया।
रेल यूनियन के प्रतिनिधियों ने कहा है कि वे इस आदेश का पालन तो करेंगे मगर साथ ही यह संकेत भी दिया है कि इस निर्णय को कानूनी चुनौती दी जा सकती है।
दरअसल यूनियन ने कनाडा के केन्द्रीय श्रम मंत्री को संसद में कानून पारित किए बगैर इस तरह का आदेश देने का अधिकार नहीं है इसलिए इसे न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। यह मामला तो बाद का है मगर तात्कालिक रूप रेल कर्मियों की हड़ताल पर रोक लगा दी गई है।
रेलवे तथा यूनियन के प्रतिनिधियों की एक बैठक 29 अगस्त को कनाडा के इंडस्ट्रीयल लेबर रिलेशंस बोर्ड के साथ होने वाली है जिसमें आर्बिट्रेशन की प्रक्रिया के क्रियान्वयन पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
दरअसल कनाडा में शीत-वसंतकालीन फसलों की कटाई-तैयारी पहले ही आरंभ हो चुकी है और इसके निर्यात की गति जल्दी ही तेज हो जाने की संभावना है।
ऐसे समय में यदि रेल यूनियन की हड़ताल होती तो कनाडा से गेहूं, कैनोला, मसूर एवं मटर सहित अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात शिपमेंट पर प्रतिकूल असर पड़ना निश्चित हो जाता। सरकार इससे अवगत थी इसलिए उसने हड़ताल रोकने का आदेश जारी कर दिया।