iGrain India - करनाल । पिछले साल की तुलना में इस बार बासमती धान का थोक मंडी भाव घटकर काफी नीचे आ गया है जिससे खासकर हरियाणा के किसान बहुत चिंतित और निराश है।
ज्ञात हो कि हरियाणा में विधान सभा चुनाव की तारीख का ऐलान पहले ही हो चुका है और यदि बासमती उत्पादकों को उचित मूल्य प्राप्त नहीं हुआ तो सत्तारूढ़ दल के प्रति उसकी नाराजगी बढ़ सकती है। हरियाणा बासमती चावल का प्रमुख उत्पादक राज्य है।
बासमती धान का भाव पिछले साल के 3500-4000 रुपए प्रति क्विंटल से घटकर इस बार 2500 रुपए प्रति क्विंटल के करीब रह गया है।
बासमती चावल के लिए 950 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (मेप) निर्धारित किया गया है जबकि निर्यातक सरकार से इसे और घटाने की मांग कर रहे है।
उत्तर प्रदेश, पंजाब तथा हरियाणा में इस बार बासमती धान की अच्छी खेती हुई है क्योंकि पिछली फसल का लाभप्रद मूल्य प्राप्त होने से किसानों ने इसका क्षेत्रफल बढ़ाने का भरपूर प्रयास किया।
मानसून की बारिश भी इन राज्यों में लगभग सामान्य हुई। पंजाब- हरियाणा में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है और इसलिए वहां की हालत बेहतर बताई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि बासमती धान के लिए केन्द्र सरकार द्वारा कोई न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित नहीं किया।
जाता है और न ही किसानों से इसकी खरीद की जाती है इसलिए इसका भाव मुख्यत: मिलर्स, व्यापारियों एवं निर्यातकों की मांग पर निर्भर रहा है।