iGrain India - मुम्बई । स्वदेशी वनस्पति तेल उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र के एक अग्रणी संगठन- सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) की नई मासिक रिपोर्ट से पता चलता है
कि जुलाई की तुलना में अगस्त 2024 के दौरान देश में पाम तेल एवं सूरजमुखी तेल के आयात में क्रमश: 26 प्रतिशत तथा 22.5 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि सोयाबीन तेल का आयात 16 प्रतिशत बढ़ गया।
'सी' की रिपोर्ट के अनुसार अगस्त 2024 में देश के अंदर करीब 7.98 लाख टन पाम तेल, 4.55 लाख टन सोयाबीन तेल तथा 2.84 लाख टन सूरजमुखी तेल सहित कुल 15.30 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ जो जुलाई के आयात से 17 प्रतिशत कम रहा।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक सोया तेल के मुकाबले पाम तेल के महंगा होने से भारतीय रिफाइनर्स का रुझान सोयाबीन तेल की खरीद के प्रति बढ़ गया।
वैसे भी जुलाई में पाम तेल का अत्यन्त विशाल आयात हुआ था जिसका भारी-भरकम स्टॉक अगस्त में मौजूद रहा। इसके बावजूद त्यौहारी सीजन की मांग को देखते हुए अगस्त में लगभग 8 लाख टन पाम तेल का आयात हो गया।
एसोसिएशन के अनुसार आमतौर पर पाम तेल का भाव सोया तेल एवं सूरजमुखी तेल जैसे सॉफ्ट खाद्य तेलों की तुलना में 100-150 डॉलर प्रति टन नीचे रहता है मगर वर्तमान समय में क्रूड पाम तेल का भाव सितम्बर डिलीवरी के लिए सोयाबीन तेल के मूल्य से लगभग 40 डॉलर प्रति टन ऊंचा चल रहा है।
अगस्त में आयात कम होने के बावजूद 1 सितम्बर को देश के बंदरगाहों पर तथा पाइप लाइन में खाद्य तेलों का कुल स्टॉक बढ़कर 29.30 लाख टन पर पहुंच गया जो पिछले नौ महीनों का सबसे ऊंचा स्तर रहा।
एक अग्रणी उद्योग समीक्षक के अनुसार अगस्त की भांति सितम्बर में भी खाद्य तेलों का आयात कम होने की संभावना है क्योंकि सोयाबीन तेल एवं सूरजमुखी तेल की खरीद कम हुई है। दूसरी ओर पाम तेल का आयात कुछ बढ़कर 8 लाख टन से ऊपर पहुंच सकता है।
उल्लेखनीय है कि भारत में मुख्यत: इंडोनशिया, मलेशिया एवं थाईलैंड से पाम तेल, अर्जेन्टीना तथा ब्राजील से सोयाबीन तेल और रूस, रोमानिया, अर्जेन्टीना तथा यूक्रेन से सूरजमुखी तेल का बड़े पैमाने पर आयात किया जाता है।