iGrain India - मास्को । सस्ते दाम पर उपलब्ध रूस के गेहूं की खरीद में विदेशी आयातक अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं जबकि यूरोपीय संघ से निर्यात में कमी आने के कारण कभी रूसी गेहूं के पक्ष में माहौल बन रहा है। वैसे काला सागर क्षेत्र के किसान गेहूं के घटते भाव से नाखुश है।
एक विश्लेषक के अनुसार रूस के 12.5 प्रतिशत प्रोटीन युक्त गेहूं का फ्री ऑन बोर्ड निर्यात ऑफर मूल्य 3 जुलाई से ही 223 डॉलर प्रति टन की सीमा को पार नहीं कर पाया है। जून से अब तक इसमें 14.5 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।
हालांकि इस कमजोर मूल्य से किसान संतुष्ट नहीं है मगर इससे रूस को गेहूं के निर्यात में निरंतरता बरकरार रखने में अच्छी सहायता मिल रही है।
ध्यान देने की बात है कि तुर्की रूसी गेहूं का एक प्रमुख आयातक देश है मगर उसने 15 जून से 15 अक्टूबर तक गेहूं के आयात को स्थगित कर दिया है।
इससे रूस को अन्य बाजारों पर ध्यान देना पड़ रहा है। उधर यूरोपीय संघ से गेहूं का निर्यात घट रहा है क्योंकि उसके दो प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश- फ्रांस तथा जर्मनी में मई से ही मौसम खराब होने के कारण गेहूं का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार रूस से अगस्त 2024 में गेहूं का निर्यात तेजी से बढ़कर 56 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया जबकि पिछले साल किसी एक महीने का निर्यात ऊंचे में 54 लाख टन तक पहुंच सका था।
इसके साथ ही रूस से 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (जुलाई-जून) के शुरूआती दो महीनों में 94 लाख टन गेहूं का शानदार निर्यात हो गया जो गत वर्ष से काफी अधिक है।
इसमें से मिस्र को 14 लाख टन, बांग्ला देश एवं तुर्की को 13.60 लाख टन, अल्जीरिया को 4.90 लाख टन तथा इजरायल को 4.70 लाख टन गेहूं का शिपमेंट किया गया।