iGrain India - कीव । अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) ने यूक्रेन में 2024-25 सीजन के लिए सूरजमुखी के उत्पादन का अनुमान 10 लाख टन घटाकर 125 लाख टन निर्धारित किया है जो 2023-24 सीजन के उत्पादन 155 लाख टन से 30 लाख टन तथा पंचवर्षीय औसत उत्पादन से 21 प्रतिशत कम है।
चालू वर्ष के दौरान यूक्रेन में एक तो सूरजमुखी का बिजाई क्षेत्र घट गया और दूसरे, इसकी औसत उपज दर में भी कमी आ गई। उत्पादन में गिरावट आने तथा उत्पादकों द्वारा माल की बिक्री की गति धीमी रखे जाने से सूरजमुखी का भाव तेज हो गया है।
50 प्रतिशत तेल के अंश (कंडीशन) वाले सूरजमुखी सीड का दाम बढ़कर 20,500-21,500 रिव्निया (यूक्रेनी मुद्रा) प्रति टन पर पहुंच गया है जिससे तेल और डीओसी के दाम में भी बढ़ोत्तरी हो गई है।
वैसे यूक्रेन के बंदरगाहों पर सूरजमुखी तेल का फ्री ऑन बोर्ड निर्यात ऑफर मूल्य 910-930 डॉलर प्रति टन तथा सूरजमुखी डीओसी का भाव 190-195 डॉलर प्रति टन पर स्थिर बना हुआ है लेकिन यह दाम वहां घरेलू बाजार की वास्तविक स्थिति को प्रतिबिम्ब नहीं करता है।
सूरजमुखी का भाव ऊंचा होने से तेल का दाम बढ़ना स्वाभाविक ही है। भारत में निर्यात के लिए वहां सूरजमुखी तेल का मूल्य 1060 डॉलर प्रति टन चल रहा है जबकि रिफाइंड सूरजमुखी तेल का भाव (ऑफर मूल्य) 1050-1060 डॉलर प्रति टन बताया जा रहा है।
वैश्विक स्तर पर सूरजमुखी के उत्पादन में 20 लाख टन तथा रेपसीड के उत्पादन में 12.70 लाख टन की गिरावट आने का अनुमान लगाया गया है। यूरोपीय संघ में रेपसीड की फसल इस बार कमजोर रही।
उधर रूस में काला सागर क्षेत्र के बंदरगाहों पर अक्टूबर शिपमेंट क लिए सूरजमुखी तेल का निर्यात ऑफर मूल्य 5 डॉलर बढ़कर 930 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया।
रूस में भी सूखा प्रभावित क्षेत्रों में सूरजमुखी की उपज दर में गिरावट आने के संकेत मिले हैं। ध्यान देने की बात है रूस और यूक्रेन दुनिया में सूरजमुखी एवं इसके मूल्य संवर्धित उत्पादों के दो सबसे प्रमुख उत्पादन एवं निर्यातक देश है। भारत में वहां से सूरजमुखी तेल का भारी आयात होता है।