iGrain India - भोपाल । देश के सबसे प्रमुख सोयाबीन उत्पादक प्रान्त- मध्य प्रदेश में चालू खरीफ सीजन के दौरान इस महत्वपूर्ण तिलहन फसल की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है जबकि बाजार भाव नीचे चल रहा है।
इसे देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करीब 14 लाख टन सोयाबीन खरीदने का फैसला किया है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2024-25 के सीजन हेतु 4892 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है जो 2023-24 सीजन के लिए नियत समर्थन मूल्य 4600 रुपए प्रति क्विंटल से 292 रुपए या 6.3 प्रतिशत अधिक है।
केन्द्र सरकार की मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत सोयाबीन की होने वाली इस खरीद से राज्य के किसानों को काफी राहत मिलेगी जो कमजोर मंडी भाव से परेशान हैं।
सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर पर पिछले साल के 123.85 लाख हेक्टेयर से 1.26 लाख हेक्टेयर बढ़कर चालू खरीफ सीजन में 125.11 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जो पंचवर्षीय औसत क्षेत्रफल 122.95 लाख हेक्टेयर से भी ज्यादा है।
इस बार मानसून की अच्छी वर्षा होने से फसल को फायदा हुआ है लेकिन कुछ इलाकों में बाढ़ एवं जल भराव से सोयाबीन की फसल को नुकसान होने की खबर भी मिल रही है। इसके बावजूद कुल मिलाकर इसका घरेलू उत्पादन पिछले सीजन से बेहतर होने की उम्मीद है।
सरकार ने हाल ही में खाद्य तेलों पर आधार भूत आयात शुल्क में 20 प्रतिशत का इजाफा किया है जिसका तिलहन-तेल बाजार पर सकारात्मक मनोवैज्ञानिक असर पड़ने की संभावना है सोयाबीन के थोक मंडी भाव में पिछले कुछ दिनों से तेजी-मजबूती का माहौल देखा जा रहा है।
इसके नए माल की छिटपुट आवक शुरू हो गई है जिसमें नमी का अंश ज्यादा है। मध्य प्रदेश में वर्षा अब अगैती बिजाई वाली सोयाबीन फसल के लिए नुकसान दायक साबित हो सकती है।