iGrain India - जकार्ता । दुनिया में पाम तेल के सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश- इंडोनेशिया के कुछ भागों में मूसलाधार वर्षा के कारण बाढ़ का गंभीर प्रकोप बना हुआ है जिससे ऑयल पाम की ढुलाई एवं क्रशिंग में बाधा पड़ रही है।
इस बीच इंडोनेशियाई पाम तेल उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र की शीर्ष संस्था- गापकी ने जुलाई माह के लिए जो आंकड़ा जारी किया है उससे पता चलता है कि वहां से जून में 33.85 लाख टन पाम तेल उत्पादों का शानदार निर्यात हुआ था जो जुलाई में 33.8 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 22.41 लाख टन पर सिमट गया।
वहां इस अवधि में पाम तेल का उत्पादन भी 40.45 लाख टन से 2.1 प्रतिशत गिरकर 39.61 लाख टन रह गया और इसका बकाया अधिशेष स्टॉक 28.18 लाख टन से 10.8 प्रतिशत घटकर 25.13 लाख टन पर आ गया।
निर्यात में जोरदार गिरावट आने के बावजूद बकाया स्टॉक में कमी आने का प्रमुख कारण यह है कि इंडोनेशिया के घरेलू प्रभाग में पाम तेल की खपत काफी बढ़ गई।
गापकी की रिपोर्ट के अनुसार चालू वर्ष के शुरूआती सात महीनों में यानी जनवरी से जुलाई 2024 के दौरान इंडोनेशिया में 301.46 लाख टन पाम तेल का उत्पादन हुआ जिसमें 275.25 लाख टन क्रूड पाम तेल (सीपीओ) तथा 26.21 लाख टन क्रूड पाम कर्नेल तेल (सीपीकेओ) का उत्पादन शामिल रहा। चालू वर्ष के आरंभ में वहां 31.46 लाख टन पाम तेल उत्पादों का पिछला बकाया स्टॉक मौजूद था।
जून के मुकाबले जुलाई के दौरान इंडोनेशिया के घरेलू प्रभाग में पाम तेल की कुल खपत 19.40 लाख टन से बढ़कर 20.30 लाख टन पर पहुंच गई।
इसके तहत प्रत्यक्ष खाद्य उद्देश्य में खपत 8.50 लाख टन से गिरकर 8.10 लाख टन तथा ऑलियोकैमिकल निर्माण में 19.20 लाख टन से घटकर 18.50 लाख टन पर अटकी मगर बायोडीजल के उत्पादन में यह खपत 8.98 लाख टन से बढ़कर 10.35 लाख टन पर पहुंच गई।
उल्लेखनीय है कि भारत में क्रूड पाम तेल तथा आरबीडी पामोलीन का सर्वाधिक आयात इंडोनेशिया से ही किया जाता है। हाल ही में इंडोनेशिया सरकार ने वैश्विक बाजार में अपने उत्पादों की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए पाम तेल के निर्यात पर लागू लेवी की दर में कटौती कर दी है।