iGrain India - मुम्बई । रूस अब भारत को पीली मटर की आपूर्ति करने के मामले में कनाडा को पीछे छोड़कर शीर्ष पर पहुंच गया है जबकि पहले कनाडा का ही वर्चस्व बना हुआ था।
केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय की अधीनस्थ एजेंसी- कृषि प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के अनुसार एक तो रूस आक्रामक ढंग से और प्रतिस्पर्धी कीमत पर अपनी पीली मटर का जोरदार निर्यात कर रहा है और दूसरे रूबल-रुपए में कारोबार होने से भारतीय आयातक वहां से इसका आयात तेजी से बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
यह स्थिति ऐसे समय में उत्पन्न हुई है जब चीन के बाजार में भी रूस ने कनाडा को पीछे छोड़ दिया है। ध्यान देने की बात है कि एक समय ऐसा भी था जब चीन में पीली मटर के बाजार में कनाडा की भागीदारी 97 प्रतिशत तक पहुंच गई थी
लेकिन अब उसके करीब 50 प्रतिशत बाजार पर रूस का कब्जा हो गया है। इसका एक कारण यह है कि चीन का सम्बन्ध कनाडा से बिगड़ता जा रहा है जबकि रूस के साथ घनिष्ट होता जा रहा है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार रूस से भारत को अप्रैल-जुलाई 2024 की अवधि के दौरान 4.41 लाख टन पीली मटर का निर्यात किया गया जो दिसम्बर 2023-मार्च 2024 के शिपमेंट 4.01 लाख टन से अधिक रहा।
दूसरी ओर कनाडा से वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 13.80 लाख टन मटर का निर्यात हुआ था जो अप्रैल-जुलाई 2024 में घटकर 3.93 लाख टन पर सिमट गया।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार रूस आकर्षक कीमत पर वैश्विक बाजार में अपनी मटर का जोरदार निर्यात कर रहा है जबकि भारत के आयातक वहां से डॉलर के बजाए रुपए में भुगतान के साथ इसका आयात कर रहे हैं।
यह काफी सुविधाजनक स्थिति है। इतना ही नहीं बल्कि शिपमेंट खर्च की दृष्टि से भी रूस से पीली मटर मंगाना सस्ता पड़ता है। रूस से 4.41 लाख टन के आयात पर 21.285 करोड़ डॉलर का खर्च बैतह जबकि कनाडा से 3.93 लाख टन मटर मंगाने पर खर्च बढ़कर 22.849 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया।
भारत को अक्टूबर-नवम्बर शिपमेंट के लिए रूसी पीली मटर का निर्यात मुख्य 425 डॉलर प्रति टन तथा कनाडा की पीली मटर का निर्यात मूल्य 460 डॉलर प्रति टन चल रहा है। रूस में हाल के वर्षों में उत्पादन तेजी से बढ़ा है।