iGrain India - कुआलालम्पुर । हालांकि सरकारी संस्था- मलेशियन पाम ऑयल बोर्ड (एम्पोब) की मासिक रिपोर्ट अगले सप्ताह सामने आएगी जिसमें सितम्बर माह के लिए पाम तेल के उत्पादन, निर्यात आयात, घरेलू खपत तथा बकाया अधिशेष स्टॉक का विस्तृत विवरण दिया जाएगा लेकिन उससे पूर्व उद्योग-व्यापार क्षेत्र के विश्लेषकों ने जो अनुमान लगाया है उससे पता चलता है कि अगस्त की तुलना में सितम्बर माह के अंत में मलेशिया में पाम तेल का बकाया अधसिशेष स्टॉक 3.2 प्रतिशत बढ़कर 19.40 लाख टन पर पहुंच गया जो जनवरी 2024 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है।
विश्लेषकों के मुताबिक अगस्त के अंत में करीब 18.80 लाख टन पाम तेल का अधिशेष स्टॉक बचा हुआ था जबकि सितम्बर 2023 में यह 23.10 लाख टन पर पहुंच गया था।
पाम तेल का उत्पादन अगस्त के 18.90 लाख टन से 1.1 प्रतिशत गिरकर सितम्बर में 18.70 लाख टन पर सिमटने का अनुमान है मगर यह सितम्बर 2023 के उत्पादन 18.30 लाख टन से 20 हजार टन ज्यादा है।
दूसरी ओर पाम तेल का निर्यात 15.30 लाख टन से गिरकर 15 लाख टन पर अटकने की संभावना है मगर यह सितम्बर 2023 के निर्यात 12.10 लाख टन से काफी अधिक है।
उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया के बाद मलेशिया दुनिया में पाम तेल का दूसरा सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है। वहां अगस्त में भी पाम तेल के बकाया अधिशेष स्टॉक में बढ़ोत्तरी हुई थी।
जुलाई में मलेशिया से पाम तेल उत्पादों के निर्यात में जबरदस्त इजाफा हुआ था मगर अगस्त में यह घट गया और सितम्बर में भी इसमें 2 प्रतिशत की गिरावट आ गई।
सितम्बर में भारत में पाम तेल के आयात में भारी गिरावट आने की संभावना है जबकि निर्यातक देशों में भाव ऊंचा रहने पर अक्टूबर में भी आयात कमजोर रह सकता है। भारत पाम तेल का सबसे प्रमुख आयातक देश है।
यहां आयात कम होने से मलेशिया- इंडोनेशिया में बकाया अधिशेष स्टॉक और भी बढ़ सकता है जिससे बीएमडी एक्सचेंज में मलेशियाई पाम तेल के बेंचमार्क वायदा मूल्य में गिरावट आ सकती है। वहां पाम तेल के उत्पादन का पीक सीजन अभी जारी है।