iGrain India - काठमांडू। भारत के उत्तरी पड़ोसी देश -नेपाल में पिछले सप्ताह लगातार 48 घंटो तक भारी से लेकर अत्यंत भारी वर्षा होने, नदियों में उफान आने तथा अनेक इलाको में विनाशकारी बाढ़ का प्रकोप रहने से जान-माल का जबरदस्त नुकसान हुआ है। इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण नेपाल की अर्थव्यवस्था को 17 अरब रूपए की क्षति होने की आशंका है कृषि फसलों की भयंकर तबाही हुई है जिससे वहां अनेक खाद्य उत्पादों का आभाव उत्पन्न होने का खतरा हैं।
लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि नेपाल में भारत सहित अन्य पड़ोसी देशो से तस्करी के जरिए भारी मात्रा में आवश्यक खाद्य पदार्थो की आवक हो रही है जिससे लोगो को खाद्यान्न का संकट ज्यादा नहीं झेलना पड़ेगा। भारत से चावल, गेहूं एवं चीनी की तस्करी हो रही है। भारत से गेहूं, आटा, मैदा, सूजी एवं चीनी आदि के निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है। सफेद चावल का निर्यात भी हाल ही में खोला गया है।
विश्लेषणों का कहना है कि नेपाल सरकार ने 17 अरब रूपए के नुकसान का आंशिक अनुमान लगाया है जबकि वास्तविक क्षति इससे करीब तीन गुना अधिक हुई है। विशाल भूगोल में फसले क्षतिग्रस्त या बर्बाद हो गई है। सरकारी आंकड़ा अभी 6 अरब रुपये मूल्य के कृषि नुकसान का है मगर वास्तविक क्षति इससे बहुत ज्यादा हुई है। इसके फलस्वरूप वहां खाद्य महंगाई और बढ़ने किसानो की आमदनी में भारी गिरावट आने तथा विदेशो से खाद्यान्न के आयात में भारी बढ़ोत्तरी होने की संभावना है जिससे अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा।