iGrain India - जकार्ता । दुनिया में पाम तेल के सबसे बड़े उत्पादक एवं निर्यातक देश- इंडोनेशिया ने बायोडीजल निर्माण में 40 प्रतिशत पाम तेल के उपयोग का अनिवार्य नियम लागू करने का प्लान बनाया है जिससे उसके घरेलू प्रभाग में इस महत्वपूर्ण वनस्पति तेल की मांग एवं खपत बढ़ जाएगी और निर्यात के लिए स्टॉक घट जाएगा।
एक अग्रणी विश्लेषक के मुताबिक यदि यह नियम लागू हो गया तो वैश्विक बाजार में पाम तेल की आपूर्ति 15-17 लाख टन घट जाएगी।
विश्व विख्यात न्यूज लेटर- ऑयल वर्ल्ड के वरिष्ठ विश्लेषक ने कहा है कि 2023-24 के मुकाबले 2024-25 सीजन के दौरान पाम तेल के वैश्विक उत्पादन में 23 लाख टन का इजाफा हो सकता है।
एक अन्य विश्लेषक के अनुसार वर्ष 2025 के दौरान बीएमडी एक्सचेंज, कुआलालम्पुर में क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का वायदा भाव 4000 रिंगिट (933.50 डॉलर) प्रति टन के आसपास रहने की संभावना है।
वर्तमान समय में इसका वायदा मूल्य पिछले पांच माह के उच्च स्तर पर चल रहा है। चालू वर्ष के दौरान अब तक पाम तेल का औसत वायदा भाव 4062.50 रिंगिट प्रति टन रहा है।
मलेशिया में वर्ष 2024 के दौरान पाम तेल का कुल उत्पादन बढ़कर 194 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है जो वर्ष 2023 के उत्पादन 185.50 लाख टन से करीब 8.50 लाख टन ज्यादा है।
मलेशिया संसार में पाम तेल का दूसरा सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है। वहां इस वर्ष मौसम की हालत पाम उत्पादन के लिए काफी हद तक अनुकूल रही है।
उधर सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश- इंडोनेशिया में वर्ष 2023 के दौरान पाम तेल का कुल उत्पादन 548.40 लाख टन आंका गया था जबकि वर्ष 2024 में यह 10 लाख टन घटने की संभावना है। वहां बी 40 प्रोग्राम अगले साल से लागू करने की योजना है।