iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा है कि पंजाब में वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान मिलर्स से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की गहि जिसमें किसानों का ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन, भूमि रिकॉर्ड (दस्तावेजों) का इंटीग्रेशन, डिजीटल खरीद का अभियान और एमएसपी भुगतान का ऑनलाइन ट्रांसफर आदि शामिल है।
इस सम्बन्ध में विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए केन्द्रीय खाद्य मंत्री तथा पंजाब के मुख्यमंत्री के बीच मीटिंग भी हो चकी है। पंजाब में धान की खरीद का नया मार्केटिंग सीजन 1 अक्टूबर से आरंभ हो चुका है लेकिन इसकी गति धीमी रहने से किसान काफी चिंतित और क्रोधित हैं।
खाद्य मंत्रालय के अनुसार 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के दौरान पंजाब में 124.14 लाख टन चावल खरीदा गया जो नियत लक्ष्य के बराबर ही था।
2024-25 के मौजूदा मार्केटिंग सीजन के दौरान भारत सरकार वहां 124 लाख टन चावल की खरीद के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे चुकी है जो 185 लाख टन धान के समतुल्य है। केन्द्र सरकार पंजाब से धान चावल की नियमित खरीद कर रही है और इस पर कोई रोक-टोक या नियंत्रण नहीं है।
केन्द्रीय पूल में चावल का सर्वाधिक योगदान देने वाले राज्य-पंजाब में इस वर्ष धान की खरीद के लिए 2200 से अधिक क्रय केन्द्र चालू किए गए हैं।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 13 अक्टूबर तक राज्य की मंडियों में कुल करीब 7 लाख टन धान की आपूर्ति हुई जिसमें से तकरीबन 6 लाख टन की खरीद केन्द्रीय पूल के लिए की गई। राज्य में 30 नवम्बर 2024 तक धान की सरकारी खरीद जारी रहेगी।
खरीदे गए धान के सुरक्षित भंडारण के लिए पर्याप्त भंडारण व्यवस्था की गई है ताकि धान की खरीद में कोई बाधा या कठिनाई न हो।
दिसम्बर 2024 तक पंजाब के गोदामों से 40 लाख टन गेहूं एवं चावल का स्टॉक अन्य जगहों पर भेजने की तैयारी चल रही है जिससे उसमें कस्टम मिल्ड चावल (सीएमआर) का भंडारण सुनिश्चित हो सके।
खरीद प्रक्रिया के दौरान किसानों को कोई कठिनाई न हो, इसके लिए सभी आवश्यक प्रबंध पहले ही पूरे किए जा चुके हैं। इसके अलावा किसानों को सही समय पर धान के एमएसपी का भुगतान दिलाने का भी प्रबंध किया गया है।
आमतौर पर खरीद के बाद 48 घंटे के भीतर किसनों के बैंक खाते में भुगतान डाल दिया जाता है। इस बार पंजाब में धान के क्षेत्रफल में थोड़ी बढ़ोत्तरी हुई है और मौसम की हालत भी काफी हद तक अनुकूल रही है जिससे वहां इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का शानदार उत्पादन होने का अनुमान है।