iGrain India - मुम्बई । शीर्ष व्यापारिक संस्था- कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने अपनी नई मसिक रिपोर्ट में 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के अंत में यानी 30 सितम्बर 2024 को देश में रूई का बकाया अधिशेष स्टॉक 30.19 लाख गांठ रहने का अनुमान लगाया है जो 2022-23 सीजन की समाप्ति पर उपलब्ध स्टॉक 28.90 लाख गांठ से कुछ अधिक है।
कपास की प्रत्येक गांठ 170 किलो की होती है। एसोसिएशन के मुताबिक घरेलू प्रभाग में रूई की खपत भी पिछले साल के 34 लाख गांठ से कुछ बढ़कर 2023-24 के 313 लाख गांठ पर पहुंची।
एसोसिएशन के मुताबिक 2023-24 के पूरे मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान देश में कुल 325.29 लाख गांठ कपास की प्रेसिंग हुई जो 2022-23 सीजन की मात्रा 318.90 लाख गांठ से अधिक रही।
इसी तरह समीक्षाधीन अवधि के दौरान विदेशों से रूई का आयात 12.50 लाख गांठ से 5 लाख गांठ बढ़कर 17.50 लाख गांठ पर पहुंचा।
इसके फलस्वरूप 28.90 लाख गांठ के बकाया स्टॉक, 17.50 लाख गांठ के आयात तथा 325.29 लाख गांठ के उत्पादन के साथ कपास की कुल उपलब्धता 2023- 24 के सीजन में 371.69 लाख गांठ पर पहुंची।
जहां तक देश से रूई के निर्यात का सवाल है तो इसमें 84 प्रतिशत की शानदार बढ़ोत्तरी हुई। एसोसिएशन के अनुसार 2022-23 के मार्केटिंग सीजन में भारत से 15.50 लाख गांठ रूई का निर्यात हुआ था जो 2023-24 के सीजन में उछलकर 28.50 लाख गांठ पर पहुंच गया। बांग्ला देश एवं वियतनाम में भारतीय रूई के निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई।
पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान कपास का बिजाई क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर पर 123.71 लाख हेक्टेयर से करीब 11 लाख हेक्टेयर घटकर 112.76 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया।