iGrain India - सिंगापुर । इंडोनेशिया के घरेलू प्रभाग में पाम तेल का उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है जबकि आगे इसमें और भी बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।
वहां खाद्य उद्देश्य में भी इसकी अच्छी खपत हो रही है जबकि चालू वर्ष के दौरान पाम तेल के उत्पादन में 2 लाख टन की गिरावट आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इसके फलस्वरूप पाम तेल के निर्यात योग्य स्टॉक में कमी आएगी और कम शिपमेंट होने का लाभ मलेशिया को प्राप्त हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया दुनिया में पाम तेल का सबसे बड़ा उत्पादक एवं निर्यातक देश है जबकि मलेशिया दूसरे नम्बर पर है।
इंडोनेशिया में फिलहाल बायोडीजल के निर्माण में 35 प्रतिशत पाम तेल के अनिवार्य उपयोग का नियम लागू है जबकि अगले साल इसका स्तर बढ़ाकर 40 प्रतिशत नियत किए जाने की संभावना है। इससे इंडोनेशिया में उत्पादित पाम तेल के एक बड़े भाग का उपयोग बायोडीजल निर्माण में हो रहा है और इसलिए विदेशों में निर्यात के लिए इसका कम स्टॉक बचेगा।
प्रमुख आयातक देश अब मलेशियाई पाम तेल की खरीद में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं जिससे मलेशिया में भाव तेज होने लगा है।
इंडोनेशिया में पाम तेल की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति जितनी जटिल होगी, मलेशिया को उतना ही फायदा होगा इससे मलेशिया को पाम तेल का उत्पादन, निर्यात एवं भाव बढ़ाने का अवसर मिल सकता है।
लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि मलेशिया में पाम तेल का उत्पादन किस तरीके से बढ़ाया जाता है क्योंकि यूरोपीय संघ की नियामक संस्था का इस पर विशेष फोकस है। फिलहाल भारत में पाम तेल का सर्वाधिक आयात इंडोनेशिया से हो रहा है जबकि मलेशिया दूसरे एवं थाईलैंड तीसरे नम्बर पर है।