iGrain India - नई फसल की जोरदार आवक होने से सोयाबीन के दाम में गिरावट नई दिल्ली । तीनों शीर्ष उत्पादक प्रांतों- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान के साथ-साथ कर्नाटक तथा गुजरात में भी सोयाबीन ने नए-पुराने माल की आवक तेजी से बढ़ती जा रही है जबकि सरकारी खरीद शुरू होने में अभी देर है। हालांकि सरकार ने पिछले महीने क्रूड एवं रिफाइंड खाद्य तेलों पर बुनियादी आयात शुल्क में इस उम्मीद से 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की थी कि इससे खासकर सोयाबीन का मंडी भाव ऊंचा होगा। त्यौहारी सीजन में सोया रिफाइंड तेल की मांग एवं खपत भी बढ़ने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन कम से कम 11-17 अक्टूबर वाले सप्ताह के दौरान सोयाबीन के दाम में इजाफा नहीं हुआ बल्कि कुछ गिरावट ही दर्ज की गई। प्लांट डिलीवरी भाव समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सोयाबीन का प्लांट डिलीवरी मूल्य मध्य प्रदेश में 50 से 100 रुपए तक गिरकर 4550-4650 रुपए प्रति क्विंटल तथा महाराष्ट्र में भी इतना ही घटकर 4500-4600 रुपए प्रति क्विंटल के बीच रह गया। सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4600 रुपए से बढ़ाकर 4892 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है मगर मंडी भाव इससे काफी नीचे चल रहा है। आवक प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में सोयाबीन की भारी आवक होने लगी है। इसकी मात्रा 14 अक्टूबर को 7.25 लाख बोरी से बढ़कर 15 अक्टूबर को 8.25 लाख बोरी तथा 16 अक्टूबर को उछलकर 9.80 लाख बोरी पर पहुंची। 17 अक्टूबर को भी 9.80 लाख बोरी सोयाबीन की आवक हुई। सोया तेल (रिफाइंड) सोयाबीन का भाव कमजोर पड़ने से सोया रिफाइंड तेल का दाम में भी प्रति 10 किलो पर 15 से 30 रुपए (डेढ़ से तीन रुपए प्रति किलो) की गिरावट आई गई। मंदसौर की एक इकाई में इसका दाम 35 रुपए घटकर 1220 रुपए प्रति 10 किलो रह गया। मुम्बई में भी यह 40 रुपए घटकर 1240 रुपए प्रति किलो तथा हल्दिया में 60 रुपए घटकर 1220 रुपए प्रति 10 किलो पर आ गया। कांडला तथा कोटा में 5-5 रुपए की नरमी रही। वैश्विक बाजार में भी सोयाबीन तेल का भाव कुछ नरम रहा। सोया डीओसी का कारोबार धीमा होने से भाव नरम पड़ गया। इससे आगामी समय में निर्यात प्रदर्शन सुधरने की उम्मीद है। आमतौर पर अक्टूबर से मार्च के दौरान सोया मील का अच्छा निर्यात होता है।