iGrain India - ढाका । बांग्ला देश के वित्त मंत्रालय ने 20 अक्टूबर को जारी एक गजट अधिसूचना के जरिए चावल के आयात पर सीमा शुल्क की दर में 37 प्रतिशत की भारी कटौती कर दी।
इसके तहत चावल पर आयात शुल्क की प्रचलित दर को 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत तथा रेग्युलेटरी ड्यूटी को 25 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत नियत किया गया है।
इसके अलावा चावल पर लगे 5 प्रतिशत के एडवांस टैक्स को समाप्त कर दिया गया है। इस तरह चावल के आयात पर पहले कुल 55 प्रतिशत का टैक्स (शुल्क) लगता था जिसे अब घटाकर 20 प्रतिशत पर लाया गया है।
सरकार का यह निर्णय बांग्ला देश में आई भयंकर एवं विनाशकारी बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान एवं खाद्य महंगाई में हो रही भारी वृद्धि को ध्यान में रखकर लिया गया है।
इस बाढ़ से वहां 10.87 लाख टन चावल का उत्पादन बर्बाद हो गया जिसमें अमन चावल मुख्य रूप से शामिल है। खास जिंसों को भारी क्षति होने तथा आपूर्ति व्यवस्था में बाधा पड़ने से बांग्ला देश में विभिन्न आवश्यक वस्तुओं का दाम तेजी से ऊपर उठ रहा है जिसमें चावल भी शामिल है।
प्रतिकूल हालात को देखते हुए सरकार ने 5 लाख टन चावल के आयात का प्रयास शुरू कर दिया है और शीघ्र ही प्राइवेट व्यापारियों को भी इसके आयात की अनुमति दिए जाने की संभावना है ताकि आंतरिक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायता मिल सके।
पिछले माह की तुलना में चावल का दाम 5-6 टका प्रति किलो बढ़ चुका है जबकि आगे इसमें और बढ़ोत्तरी होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
सरकार के पास फिलहाल करीब 12 लाख टन चावल का स्टॉक मौजूद है लेकिन यह धीरे-धीरे घटता जाएगा। उल्लेखनीय है कि बांग्ला देश में प्रति माह ओएमएस प्रोग्राम के जरिए एक करोड़ परिवारों को रियायती मूल्य पर सरकारी चावल उपलब्ध करवाया जाता है।
खाद्य मंत्रालय को सरकार से सरकार स्तर पर चावल मंगाने के लिए प्राधिकृत किया गया है। बांग्ला देश के 14 जिलों में भयंकर बाढ़ से औसत तथा अमन धान की फसल को जबरदस्त नुकसान हुआ है। यदि प्राइवेट व्यापारियों को चावल के आयात की स्वीकृति नहीं मिली तो इसका घरेलू बाजार भाव तेजी से बढ़ सकता है।