iGrain India - मुम्बई। शीर्ष व्यापारिक संस्था- कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने कपास का घरेलू उत्पादन 2023-24 सीजन के 325.29 लाख गांठ से करीब 7 प्रतिशत घटकर 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) में 302.25 लाख गांठ पर सिमटने का अनुमान लगाया है।
कपास की प्रत्येक गांठ 170 किलो की होती है। एसोसिएशन का कहना है कि एक तो कपास के बिजाई क्षेत्र में काफी गिरावट आ गई और दूसरे, कुछ इलाकों में मौसम की हालत भी प्रतिकूल रही। इससे औसत उपज दर में कमी आएगी।
एसोसिएशन के अध्यक्ष के अनुसार 2024-25 के मार्केटिंग सीजन में 313 लाख गांठ रूई की घरेलू खपत होने का अनुमान है जो 2023-24 सीजन के बराबर ही है।
लेकिन रूई का निर्यात समीक्षाधीन अवधि के दौरान 28.50 लाख गांठ से 37 प्रतिशत घटकर 18 लाख गांठ पर सिमट जाने की संभावना है क्योंकि निर्यात उद्देश्य के लिए रूई का कम स्टॉक उपलब्ध रहेगा। दूसरी ओर विदेशों से रूई का आयात इसी अवधि में 17.50 लाख गांठ से 43 प्रतिशत उछलकर 25 लाख गांठ पर पहुंच जाने का अनुमान है।
एसोसिएशन के मुताबिक कपास के उत्पादन में मुख्यत: उत्तरी एवं मध्यवर्ती क्षेत्र में गिरावट आने की संभावना है। इसके तहत पिछले सीजन के मुकाबले इस बार उत्पादन उत्तरी क्षेत्र में 9.62 लाख गांठ तथा मध्यवर्ती क्षेत्र में 11.05 लाख गांठ कम हो सकता है जबकि दक्षिणी राज्यों में भी उत्पादन 1.85 लाख गांठ घटने की संभावना है।
उड़ीसा में उत्पादन 52 हजार गांठ घट सकता है। इस राज्य में बीटी कॉटन की खेती नहीं होती है। इस तरह 2023-24 सीजन की तुलना में 2024-25 के सीजन में राष्ट्रीय स्तर पर कपास के उत्पादन में कुल मिलाकर 23.04 लाख गांठ की गिरावट आने का अनुमान है जिससे निर्यात घटने एवं आयात बढ़ने की संभावना है।
कपास का बिजाई क्षेत्र करीब 14 लाख हेक्टेयर घटकर 112.90 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया जो रूई के उत्पादन में संभावित गिरावट का मुख्य कारण माना जा रहा है। गुजरात, महाराष्ट्र एवं राजस्थान जैसे राज्यों में कपास की बिजाई काफी घट गई।