iGrain India - चंडीगढ़ । केन्द्र सरकार ने पंजाब से अगले तीन चार महीनों में 40 लाख टन चावल को अन्य राज्यों में भेजने का प्लान बनाया है ताकि वहां गोदामों में जगह खाली हो सके और नई खरीद वाले चावल के सुरक्षित भंडारण में सहायता मिल सके। इसके अलावा यह 20 लाख टन अतिरिक्त अनाज के भंडारण के लिए जगह के निर्माण का प्रयास भी किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न का सर्वाधिक योगदान देने वाले राज्य- पंजाब में सुरक्षित भंडारण सुविधाओं का भारी अभाव होने तथा राइस मिलर्स द्वारा उठाव से इंकार किए जाने के कारण मंडियों में धान का अम्बर लग गया है और इसकी सरकारी खरीद की गति धीमी पड़ गई है।
इससे किसानों को भारी-कठिनाई हो रही है और कुछ क्षेत्रों में उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे दाम पर अपना धान बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है।
भारतीय खाद्य निगम को चावल की अधिक खपत वाले इलाकों में पंजाब से इसकी भारी मात्रा भेजने के लिए कहा गया है ताकि राज्य में धान की खरीद की गति बढ़ाई जा सके।
हालांकि इस सम्बन्ध में पंजाब के मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय खाद्य मंत्री के बीच पहले ही बैठक हो चुकी है और केन्द्र ने भंडारण की समस्या यथाशीघ्र सुलझाने का भरोसा भी दिलाया था मगर अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया जिससे राज्य के धान उत्पादकों की कठिनाई काफी बढ़ गई है।
अब खाद्य निगम ने पंजाब से अन्य राज्यों को साप्ताहिक आधार पर चावल भेजने का प्लान बनाया है लेकिन 40 लाख टन चावल का परिवहन करने में लम्बा समय लग जाएगा।
केन्द्रीय खाद्य मंत्री ने आश्वासन दिया था कि पंजाब में 120 लाख टन धान खरीदने का जो लक्ष्य रखा गया है उसे हासिल किया जाएगा।
समझा जाता है कि सरकार गेहूं के लिए आरक्षित गोदामों में भी तात्कालिक समाधान के तहत धान-चावल का अस्थायी भंडारण करने की योजना बना रही है।