iGrain India - सिंगापुर । दुनिया के दो शीर्ष पाम तेल उत्पादक एवं निर्यातक देश- इंडोनेशिया तथा मलेशिया द्वारा क्रूड पाम तेल (सीपीओ) के बजाए रिफाइंड श्रेणी के पाम तेल एवं पामोलीन के निर्यात संवर्धन को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
यह भारत के लिए चिंता की बात है क्योंकि यहां रिफाइंड श्रेणी के बजाए क्रूड संवर्ग के आयात की ज्यादा आवश्यकता रहती है। इन दोनों देशों के साथ-साथ नेपाल तथा बांग्ला देश से भी रिफाइंड तेलों का आयात बढ़ने का खतरा है। आगामी समय में थाईलैंड भी इस सूची में शामिल हो सकता है।
हालांकि भारत में रिफाइंड खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाकर 35.75 प्रतिशत नियत किया गया है मगर यदि निर्यातक देशों में टैक्स का स्तर नीचे रहा और क्रूड खाद्य तेलों का दाम ऊपर रहा तो भारत में रिफाइंड तेल का आयात बढ़ सकता है।
भारत में रिफाइनिंग इकाइयों तथा वनस्पति प्लांटों द्वारा विशाल मात्रा में सीपीओ का आयात किया जाता है।
उद्योग समीक्षकों के अनुसार भारत का नेपाल तथा बांग्ला देश के साथ मुक्त व्यापार समझौता है इसलिए मलेशिया और इंडोनेशिया से इन दोनों पड़ोसी देशों के रास्ते भारत में आर बीडी पामोलीन या रिफाइंड पाम तेल का आयात बढ़ सकता है।
एक संभावना यह है कि नेपाल और बांग्ला देश में क्रूड तेल का आयात करके उसकी प्रोसेसिंग एवं रिफाइनिंग की जाए और फिर रिफाइंड खाद्य तेल का भारतीय बाजारों में भेज दिया जाए।
आयात शुल्क में वृद्धि होने से भारत में खाद्य तेलों का दाम ऊंचा हो गया है जिससे तिलहन उत्पादकों को अपने उत्पाद का बेहतर मूल्य प्राप्त होने की उम्मीद है। लेकिन सस्ते तेल का आयात इसमें बाधक बन सकता है।