iGrain India - मुम्बई । एक अग्रणी उद्योग संस्था- सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 मार्केटिंग सीजन (नवम्बर-अक्टूबर) के दौरान देश में विदेशी खाद्य तेलों का आयात घटकर 159.60 लाख टन पर अटक गया जो 2022-23 सीजन के सकल आयात 164.70 लाख टन से 5.10 लाख टन कम रहा।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान खाद्य तेलों के इस आयात पर खर्च होने वाली राशि भी भारतीय मुद्रा में 1,38,424 करोड़ रुपए से घटकर 1,31,967 करोड़ रुपए तथा विदेशी मुद्रा में 16.65 अरब डॉलर से गिरकर 15.90 अरब डॉलर रह गई। इससे पूर्व भारत में 2021-22 के मार्केटिंग सीजन में 140.30 लाख टन, 2020-21 में 131.30 लाख टन तथा 2019-20 के सीजन में 131.80 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ था।
एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार नवम्बर 2023 से अक्टूबर 2024 के दौरान देश में 19.31 लाख टन आरबीडी पामोलीन, 69.70 लाख टन क्रूड पाम तेल, 1.14 लाख टन क्रूड पाम कर्नेल तेल, 34.41 लाख टन क्रूड डिगम्ड सोयाबीन तेल तथा 35.06 लाख टन क्रूड सूरजमुखी तेल के साथ कुल 159.62 लाख टन खाद्य तेल का आयात हुआ
जबकि पिछले मार्केटिंग सीजन के दौरान 21.07 लाख टन आरबीडी पामोलीन, 75.88 लाख टन क्रूड पाम तेल, 94 हजार टन क्रूड पाम कर्नेल तेल, 36.76 लाख टन सोया तेल एवं 30.01 लाख टन सूरजमुखी तेल मंगाया गया था।
एसोसिएशन के अनुसार पिछले पांच साल के दौरान खाद्य तेलों का आयात 132 लाख टन उछलकर 160 लाख टन पर पहुंच गया। इसके तहत खासकर आरबीडी पामोलीन का आयात 4.21 लाख टन से बढ़कर 19.31 लाख टन पर पहुंचा। इस अवधि में पाम समूह के तेलों का कुल आयात 72 लाख टन से बढ़कर 90.20 लाख टन तथा सॉफ्ट तेलों (सोया तेल एवं सूरजमुखी तेल) का आयात 59 लाख टन से सुधरकर 69.50 लाख टन पर पहुंच गया।
1 नवम्बर 2024 को भारतीय बंदरगाहों पर 6.57 लाख टन तथा पाइप लाइन में 17.51 लाख टन के साथ कुल 24.08 लाख टन खाद्य तेलों का स्टॉक मौजूद था जो मई 2024 के बाद का सबसे निचला स्तर है।
1 नवम्बर को बंदरगाहों पर 2.59 लाख टन क्रूड पाम तेल, 1.01 लाख टन आरबीडी पामोलीन, 1.33 लाख टन सोया तेल एवं 1.64 लाख टन सूरजमुखी तेल का स्टॉक उपलब्ध था।
देश में प्रति माह औसतन 21 लाख टन खाद्य तेल कई जरूरत पड़ती है जबकि 30-35 दिनों की मांग के लायक स्टॉक रखा जाता है।