iGrain India - मुम्बई । केन्द्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी किए जाने के बाद वैश्विक बाजार (निर्यातक देशों) में इसका दाम घटने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन इसके विपरीत वहां इसका भाव ऊंचा एवं तेज हो गया।
इसके फलस्वरूप सितम्बर 2024 तथा अक्टूबर 2023 की तुलना में अक्टूबर 2024 के दौरान भारतीय बंदरगाहों पर इसकी पहुंच के औसत मूल्य में काफी इजाफा हो गया जिसका असर घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के दाम पर पड़ना स्वाभाविक ही था।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) के आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय बंदरगाहों तक पहुंच का औसत आयत मूल्य सितम्बर की तुलना में अक्टूबर के दौरान आरबीडी पामोलीन का 1038 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 1135 डॉलर प्रति टन, क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का 1071 डॉलर से बढ़कर 1170 डॉलर प्रति टन क्रूड सोयाबीन तेल का 1045 डॉलर के उछलकर 1154 डॉलर प्रति टन तथा क्रूड सूरजमुखी तेल का औसत आयात मूल्य 1070 डॉलर से बढ़कर 1168 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया।
अक्टूबर 2023 में औसत आयात मूल्य आरबीडी पामोलीन का 849 डॉलर प्रति टन, क्रूड पाम तेल का 867 डॉलर, क्रूड सोयाबीन तेल का 986 डॉलर तथा क्रूड सूरजमुखी तेल का 920 डॉलर प्रति टन दर्ज किया गया था।
इस तरह पिछले साल के मुकाबले अक्टूबर 2024 में औसत आयात मूल्य आरबीडी पामोलीन का 286 प्रति टन, सीपीओ का 303 डॉलर, क्रूड सोयाबीन तेल का 168 डॉलर तथा क्रूड सूरजमुखी तेल का 248 डॉलर प्रति टन ऊंचा रहा। निर्यातक देशों ने खाद्य तेलों का दाम काफी बढ़ा दिया है जिससे भारत में आयात खर्च ऊंचा बैठ रहा है।