iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की बिक्री शुरू करने का प्लान स्थगित करके पीडीएस के लिए 35 लाख टन गेहूं का स्टॉक आवंटित कर दिया जिसे मार्च 2025 तक लाभार्थियों को मुफ्त में उपलब्ध करवाया जाएगा। घरेलू मंडियों में सीमित आवक हो रही है जबकि मांग मजबूत बनी हुई है।
मिलर्स-प्रोसेसर्स को काफी ऊंचे दाम पर गेहूं खरीदने के लिए विवश होना पड़ रहा है जिससे इसके मूल्य संवर्धित उत्पादों की कीमतों में भी तेजी देखी जा रही है।
पिछले साल की तुलना में गेहूं का थोक मंडी भाव फिलहाल करीब 450-475 रुपए प्रति क्विंटल ऊंचा चल रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यह 3100 रुपए प्रति क्विंटल के पार कर गया है और निकट भविष्य में इसका नीचे आना मुश्किल लगता है।
गेहूं की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी होने से आटा का दाम भी पिछले दो माह के अंदर 5-6 रुपए प्रति किलो उछल गया। सरकार ने भारत ब्रांड के तहत आटा का उच्चतम बिक्री मूल्य 30 रुपए प्रति किलो (300 रुपए प्रति 10 किलो) निर्धारित किया है जो पिछले चरण के मुकाबले 1.50 रुपए प्रति किलो ऊंचा है।
सरकार मानती है कि बाजार में गेहूं का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है और इसकी अच्छी आपूर्ति भी हो रही है। गेहूं स्टॉक लीमिट लागू है। अत्यन्त ऊंचे बाजार भाव को देखते हुए गेहूं की खेती के प्रति किसानों का उत्साह एवं आकर्षण बढ़ने की उम्मीद है।
इससे अगला उत्पादन बेहतर हो सकता है। अक्सर आपूर्ति के ऑफ सीजन में गेहूं का भाव ऊंचा और तेज हो जाता है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान जुलाई 2023 से फरवरी 2024 के बीच ओएमएसएस के जरिए लगभग 95 लाख टन सरकारी गेहूं की बिक्री हो गई थी जिससे इसका बाजार भाव काफी हद तक स्थिर रहा था और उपभोक्ताओं को राहत मिली थी।