iGrain India - मुम्बई । घरेलू प्रभाग में सोयाबीन के नए माल की आवक अक्टूबर से आरंभ होती है और दिसम्बर-जनवरी तक इसकी जोरदार आपूर्ति होती रहती है।
उसके बाद आवक का दबाव घटने लगता है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से अक्टूबर 2024 के दौरान भारत से 10.23 लाख टन सोयामील का निर्यात हुआ जो वर्ष 2023 के इन्हीं महीनों के शिपमेंट 6.74 लाख टन से काफी अधिक रहा। आमतौर पर इस अवधि को सोयाबीन की आपूर्ति का ऑफ सीजन माना जाता है फिर भी सोयामील के निर्यात में करीब 2.50 लाख टन का इजाफा हो गया।
उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक चालू वर्ष के दौरान देश से अप्रैल में 2.00 लाख टन, मई में 1.45 लाख टन, जून में 1.52 लाख टन, जुलाई में 1.95 लाख टन, अगस्त में 1.57 लाख टन, सितम्बर में 60 हजार टन तथा अक्टूबर 2024 में 1.14 लाख टन सोयामील का निर्यात हुआ।
अब सोयाबीन के नए माल की जोरदार आवक होने लगी है और इसका थोक मंडी भाव भी सरकारी समर्थन मूल्य से काफी नीचे चल रहा है। इससे सोयामील का निर्यात ऑफर मूल्य पड़ोसी देशों तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए प्रतिस्पर्धी होने की उम्मीद है जिससे शिपमेंट में इजाफा हो सकता है।
एसोसिएशन के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2023-24 की सम्पूर्ण अवधि (अप्रैल-मार्च) के दौरान भारत से सोयामील का कुल निर्यात बढ़कर 21.33 लाख टन पर पहुंच गया था जबकि उससे पूर्व इसकी मात्रा 2022-23 में 10.22 लाख टन, 2021-22 में 3.73 लाख टन तथा 2020-21 में 15.65 लाख टन दर्ज की गई थी।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने सोयाबीन का घरेलू उत्पादन पिछले साल के 130.60 लाख टन से 3 लाख टन बढ़कर इस वर्ष 133.60 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया है।
अक्टूबर 2024 में भारतीय बंदरगाहों पर सोयामील का औसत इकाई निर्यात ऑफर मूल्य घटकर 429 डॉलर प्रति टन रह गया जबकि सितम्बर में 490 डॉलर तथा अक्टूबर 2023 में 521 डॉलर प्रति टन रहा था। आगामी महीनों में निर्यात प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है।