iGrain India - नई दिल्ली । हल्दी के प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के हिंगौली लाइन पर हालांकि हल्दी की बिजाई अच्छी हुई थी लेकिन बिजाई के पश्चात फसल में रोग लगने के कारण फसल को नुकसान होने के समाचार मिल रहे हैं। जिस कारण से उत्पादन गत वर्ष की तुलना में कम होने के पूर्वानुमान लगाए जाने लगे है। नई फसल की आवक फरवरी-मार्च माह में शुरू होगी। हिंगौली के प्रसिद्ध एवं विश्वसनीय प्रतिष्ठान मैसर्स रोकडेश्वर फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड के डायरेक्टर श्री चक्रधर रामराव शिंदे का कहना है कि हल्दी बिजाई के पश्चात मानसूनी वर्षा अधिक होने के कारण खेतों में पानी भर गया। जिस कारण से पौधों में संक्रमण फैल गया और पौधे सड़ने लगे। पौधों की सड़न को दूर करने के लिए किसानों ने पौधों पर कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग 2/3 बार किया जिस कारण से पौधे सूखने शुरू हो गए। आमतौर पर कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग एक बार किया जाता है। श्री शिंदे का कहना है कि इस वर्ष प्रति हेक्टेयर उत्पादकता घटने के साथ-साथ हल्दी की क्वालिटी भी हल्की आएगी। आमतौर पर 18/20 क्विंटल प्रति एकड़ हल्दी की पैदावार होती है जोकि इस वर्ष 12/15 क्विंटल होने के अनुमान व्यक्त किए जा रहे हैं। वर्तमान में एक्सपोर्ट क्वालिटी हल्दी का भाव 140/145 रुपए चल रहा है जोकि आगामी दिनों में बढ़कर 165/170 रुपए बनने के अनुमान लगाए जा रहे हैं।