iGrain India - चंडीगढ़ । धान की अत्यन्त धीमी खरीद से केन्द्र तथा पंजाब के बीच राजनीतिक विवाद के जारी रहते अब एक और नया मामला सामने आ गया है। पंजाब में भंडारण चावल के स्टॉक की क्वालिटी घटिया बताई जा रही है जबकि इसे पीडीएस में वितरण के लिए विभिन्न राज्यों को भेजा जा रहा है।
नागालैंड तथा अरुणाचल प्रदेश में पंजाब से जो चावल भेजा गया उसे वहां या तो मानवीय खपत के लिए अनुपयुक्त या रिजेक्शन लिमिट (अस्वीकार की सीमा) से ऊपर पाया गया।
पंजाब सरकार के एक अधिकारी का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, नागालैंड तथा आसाम को जो चावल भेजा गया वह मनुष्य के खाने लायक नहीं था।
इसे देखते हुए केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने भरतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से कहा है कि वह संगरूर, नाभा एवं जालंधर जिले के गोदामों में भंडारित चावल की गुणवत्ता की गहराई से जांच करे क्योंकि वहां से भारी मात्रा में इसका स्टॉक अन्य राज्यों में भेजा जा रहा है।
निगम से कहा गया है कि जो चावल मनुष्य के खाने के लायक नहीं है उसका स्टॉक हटाकर अलग रखा जाए और इस बात की गहराई से जांच की जाए कि चावल की क्वालिटी इतनी घटिया कैसे हो गई।
12-13 नवम्बर को 11,241 क्विंटल चावल दीमापुर (नागालैंड) तथा आसाम को भेजा गया था मगर जब इसके नमूनों की जांच की गई तो वह क्वालिटी पैरामीटर पर खरा नहीं उतरा / अब तक कम से कम रेल वैगनों में भेजे गए 23,097 क्विंटल चावल में कीड़ों-मकोड़ों का प्रकोप (संक्रमण) देखा गया।
इतना ही नहीं बल्क फोर्टिफाइड चावल की क्वालिटी भी सही नहीं पाई गई। संगरूर से भेजा गया चावल 12-13 नवम्बर 2024 को दीमापुर में उतारा गया और जांच होने के बाद वहां अधिकारियों ने उसे रिजेक्ट कर दिया।