iGrain India - मुम्बई । सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) ने केन्द्र सरकार से राइस ब्रान एक्सट्रैक्शन (डी ओ आर बी) के निर्यात पर लगी रोक को जल्दी से जल्दी हटाने का आग्रह किया है।
सितम्बर-अक्टूबर 2024 के दौरान सरकार द्वारा चावल का निर्यात पर लगे सभी तरह के प्रतिबंधों एवं शुल्कों को समाप्त करने का निर्णय लिए जाने से एसोसिएशन को उम्मीद थी कि डी ओ आर बी के निर्यात पर लगी पाबन्दी को भी हटा लिया जाएगा लेकिन सरकार ने अब तक इस मामले में किसी सकारात्मक निर्णय का संकेत नहीं दिया है।
एसोसिएशन का कहना है कि जुलाई 2023 में राइस ब्रान एक्सट्रैक्शन के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था लेकिन इसके बावजूद दूध के दाम में गिरावट नहीं आई है।
दूसरी ओर इस प्रतिबंध के कारण डी ओ आर बी (डि ऑयल्ड राइस ब्रान) का भाव 17,000 रुपए प्रति टन से लुढ़ककर 10,000 रुपए प्रति टन पर आ गया है जिससे वनस्पति तेल उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है। सरकार को यथाशीघ्र निर्यात प्रतिबंध को समाप्त करना चाहिए।
इसके साथ-साथ एसोसिएशन ने सरकार से तिलहन-तेल में वायदा कारोबार दोबारा शुरू करने की अनुमति देने का भी आग्रह किया है जिसमें सरसों, सोयाबीन तथा क्रूड पाम तेल भी शामिल है।
वर्ष 2021 से ही तिलहन-तेल में वायदा कारोबार पर रोक लगी हुई है जिससे मूल्य डिस्कवरी मैकेनिज्म प्रभावित हो रहा है। एसोसिएशन ने वायदा बाजार की नियामक संस्था- भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) तथा केन्द्रीय वित्त मंत्रालय से आग्रह किया है कि जितनी जल्दी संभव हो, तिलहन-तेल में वायदा कारोबार की स्वीकृति प्रदान की जाए ताकि किसानों एवं कारोबारियों के साथ-साथ तेल उद्योग को भी राहत मिल सके।