iGrain India - धीमी सरकारी खरीद से सोयाबीन के दाम में भारी गिरावट नई दिल्ली । सोयाबीन का भाव तीनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान में लगातार तेजी से घटता जा रहा है क्योंकि एक तो मंडियों में इसकी भारी आवक हो रही है और दूसरे, सरकारी खरीद की गति बहुत धीमी है। खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में 20 प्रतिशत की वृद्धि होने के बावजूद सोयाबीन का दाम नीचे की ओर जा रहा है जिससे सोया तेल एवं सोयामील की कीमतों में भी गिरावट देखी जा रही है। प्लांट डिलीवरी भाव 15 से 21 नवम्बर वाले सप्ताह के दौरान मध्य प्रदेश में सोयाबीन का प्लांट डिलीवरी भाव 100 से 200 रुपए प्रति क्विंटल तक घट गया। उज्जैन में तो यह 275 रुपए लुढ़क गया। सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य गत वर्ष के 4600 रुपए से बढ़ाकर इस बार 4892 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है मगर इसका थोक मंडी भाव 4200/4300 रुपए प्रति क्विंटल ही चल रहा है। सोयाबीन उत्पादकों को 5000 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता दी जा रही है मगर यह काफी नहीं है। महाराष्ट्र में सोयाबीन की खरीद 6000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से करने की घोषणा हुई थी इसलिए आगे मंडी भाव कुछ सुधर सकता है। वहां इसका भाव 4350/4450 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है। सोया तेल (रिफाइंड) रिफाइंड सोयातेल का दाम भी घटने लगा है। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान कुछ प्लांटों से बिक्री बंद रही जबकि उज्जैन को एक इकाई में भाव 45 रुपए गिरकर 1280 रुपए प्रति 10 किलो रह गया। महाराष्ट्र में भी 20-30 रुपए की नरमी रही। सोया तेल का दाम कोटा एवं कांडला में 20-20 रुपए, मुम्बई में 10 रुपए तथा हल्दिया में 25 रुपए नीचे आया। आवक राष्ट्रीय स्तर पर मंडियों में 15 नवम्बर को 3.35 लाख बोरी सोयाबीन की आवक हुई थी जो 18 नवम्बर को उछलकर 7.50 लाख बोरी पर पहुंच गई। इसके बाद 5-6 लाख बोरी की दैनिक आवक होती रही। कमजोर मांग के कारण सोया डीओसी का दाम भी 500-700 रुपए से लेकर 2000 रुपए तक टूट गया। वैसे नीचे दाम पर इसकी घरेलू एवं निर्यात मांग में कुछ सुधार आने की उम्मीद है।