iGrain India - लग्नसरा के बावजूद कमजोर मांग से चीनी के दाम में नरमी जारी नई दिल्ली । मध्य नवम्बर से लग्नसरा एवं मांगलिक उत्सवों का सीजन आरंभ होने के बावजूद चीनी की मांग कमजोर देखी जा रही है जिससे इसके दाम में नरमी का सिलसिला जारी है। गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के उत्पादन का नया सीजन पहले ही आरंभ हो चुका है और अब लगभग सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों में इसकी गति तेज होने लगी है। चीनी के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है जबकि घरेलू खपत सामान्य है। कोटा नवम्बर माह के लिए चीनी का फ्री सेल (NS:SAIL) कोटा 22 लाख टन नियत किया गया है जो अक्टूबर के 25.50 लाख टन से 3.50 लाख टन कम है। चीनी की औद्योगिक मांग भी घटने लगी है क्योंकि उत्तरी राज्यों में तापमान घटने में कोल्ड ड्रिंक्स एवं आइसक्रीम का उत्पादन प्रभावित होने लगा है। गुड़ का उत्पादन एवं उपयोग बढ़ने से भी चीनी की मांग कमजोर पड़ी है।मिल डिलीवरी भाव उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 16 से 22 नवम्बर वाले सप्ताह के दौरान चीनी का मिल डिलीवरी भाव पूर्वी उत्तर प्रदेश में 18 रुपए प्रति क्विंटल, पंजाब में 50 रुपए, मध्य प्रदेश में 15 रुपए तथा बिहार में 30 रुपए प्रति क्विंटल घट गया। इसी तरह गुजरात में मिल डिलीवरी मूल्य में 40-50 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाव लगभग स्थिर बना रहा। हाजिर भाव इंदौर में चीनी का हाजिर बाजार भाव 70 रुपए घटकर 3850/3950 रुपए प्रति क्विंटल रह गया मगर छत्तीसगढ़ के रायपुर में यह 20-25 रुपए सुधरकर 3925/4000 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा। मुम्बई (वाशी) मार्केट में चीनी का दाम 30 रुपए गिरकर 3620/3820 रुपए प्रति क्विंटल तथा नाका पोर्ट डिलीवरी मूल्य भी 30 रुपए गिरकर 3570/3770 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। चीनी का टेंडर मूल्य महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में सीमित उतार-चढ़ाव के साथ लगभग स्थिर रहा। कोलकाता में चीनी के हाजिर मूल्य में 10 से 30 रुपए तक की वृद्धि दर्ज की गई। स्टॉक चीनी का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होने से कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है। प्रमुख खपत क्षेत्रों में इसकी खरीद में कोई जल्दबाजी नहीं देखी जा रही है। सरकार चीनी का एक्स फैक्टरी न्यूनतम बिक्री मूल्य बढ़ाने से हिचक रही है और एथनॉल का दाम भी नहीं बढ़ रहा है। इससे चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति कमजोर पड़ सकती है।