iGrain India - मुम्बई । स्वदेशी वनस्पति तेल- तिलहन उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र के एक अग्रणी संगठन- सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) ने केन्द्र सरकार से खाद्य तेल एवं तिलहन में वायदा कारोबार पर वर्ष 2021 से लगी रोक को हटाने का आग्रह करते हुए कहा है कि इससे तिलहन उत्पादकों को बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी।
तिलहन-तेल में वायदा कारोबार बंद होने से किसानों के साथ-साथ तेल उद्योग को भी चुनौतियों एवं वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उद्योग को उम्मीद थी कि वायदा कारोबार का स्थगन जल्दी ही समाप्त होगा मगर अब लम्बा समय गुरजने के बावजूद यह स्थगन बरकरार है।
इस सम्बन्ध में एसोसिएशन ने केन्द्र सरकार को ज्ञापन भेजकर अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने तथा तिलहन-तेल में वायदा कारोबार खोलने हेतु सेबी को निर्देश देने का आग्रह किया है। ज्ञात हो कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) इसकी नियामक संस्था है।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री, वित्त मंत्री, कृषि मंत्री, वाणिज्य मंत्री एवं खाद्य मंत्री को प्रेषित ज्ञापन में एसोसिएशन ने कहा है कि अनेक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादों में वायदा कारोबार पर लम्बे समय से प्रतिबंध लगा हुआ है। 27 अक्टूबर 2023 को सेवी ने एक सूचना जारी करके कुछ खास जिंसों में वायदा कारोबार पर रोक की समय-सीमा को आगे बढ़ा दिया जिसमें खाद्य तेल भी शामिल था।
इससे तिलहन-तेल के उत्पादकों की चिंता एवं कठिनाई बढ़ गई। बाजार में आए उतार-चढ़ाव की वजह से तेल कंपनियों को भारी वित्तीय नुकसान भी उठाना पड़ा।
कॉमोडिटी एक्सचेंज के प्लेटफार्म पर कारोबार के अभाव में खास तेल के आयातकों को गंभीर चुनोतियों का सामना करना पड़ा। पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि वायदा कारोबार पर लगे प्रतिबंध को जल्दी ही समाप्त कर दिया जाएगा मगर अब नोटिस को जारी हुए भी दो साल से अधिक का समय हो चुका है मगर प्रतिबंध को हटाया नहीं गया है।
मूल्य जोखिम प्रंबधन में वायदा व्यापार की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है और इससे कृषि जिसों के बाजार को कीमतों के बारे में विश्वसनीय संकेत मिलता है।
सरकार ने सरसों एवं सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में अच्छी बढ़ोत्तरी कर दी है लेकिन किसानों को कम भाव पर अपना उत्पाद बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है। क्रूड पाम तेल (सीपीओ), सोया तेल, सरसों एवं सोयाबीन आदि में वायदा कारोबार की कारोबार की दोबारा अनुमति दिए जाने पर किसानों को अच्छा दाम प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।