iGrain India - मुम्बई । पिछले साल की तुलना में चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान कपास का घरेलू उत्पादन 7.4 प्रतिशत घटकर 302 लाख गांठ (170 किलो की प्रत्येक गांठ) पर सिमटने की संभावना है जबकि इसकी आपूर्ति में भी बाधा पड़ रही है।
इसके फलस्वरूप रूई का भाव 0.68 प्रतिशत सुधरकर 56,200 रुपए प्रति कैंडी (356 किलो) पर पहुंच गया। समीक्षकों के मुताबिक चालू वर्ष के दौरान एक तो कपास के बिजाई क्षेत्र में भारी कमी आ गई और दूसरे, कुछ इलाकों में बाढ़-वर्षा से भी फसल को नुकसान हुआ।
अमरीकी कृषि विभाग ने 307.20 लाख गांठ तथा केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 299.26 लाख गांठ कपास के उत्पादन का अनुमान लगाया है।
मंत्रालय के मुताबिक कपास का बिजाई क्षेत्र 2023-24 सीजन के 126.90 लाख हेक्टेयर से 9 प्रतिशत या 14 लाख हेक्टेयर घटकर इस बार 112.70 लाख हेक्टेयर रह गया।
लगभग सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों में कपास के बिजाई क्षेत्र में गिरावट आई है जिसमें गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा एवं पंजाब शामिल हैं।
घरेलू उत्पादन में 24 -25 लाख गांठ की भारी गिरावट आने से देश में इसका आयात पिछले सीजन के 17.50 लाख गांठ से बढ़कर चालू मार्केटिंग सीजन में 25 लाख गांठ पर पहुंचने का अनुमान है।
अमरीकी कृषि विभाग ने रूई के वैश्विक उत्पादन का अनुमान 2 लाख गांठ बढ़ा दिया है। इसके तहत चीन, ब्राजील एवं अर्जेन्टीना में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है जबकि अमरीका, भारत एवं स्पेन में उत्पादन का अनुमान घटाया गया है।
भारत में रूई की खरीद में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ने लगी है जबकि सरकारी एजेंसी- भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा भी विभिन्न राज्यों में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास की खरीद की जा रही है। लम्बे रेशे वाली कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य इस बार 7521 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।