iGrain India - नई दिल्ली । घटते बाजार भाव के प्रभाव को कम करने एवं किसानों को उसके उत्पादों की लाभप्रद वापसी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने 2024-25 के वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 3,34,416 टन मूंग, 9,39,720 टन उड़द तथा 4,91,285 टन तुवर की खरीद की स्वीकृति प्रदान की है। इसी तरह तिलहन फसलों में 33,60,628 टन सोयाबीन, 20,47,471 टन मूंगफली, 31,596 टन तिल तथा 13,210 टन सूरजमुखी की खरीद को मंजूरी दी गई है।
लेकिन इसका सापेक्ष दलहनों-तिलहनों की खरीद की गति बहुत धीमी चल रही है। तुवर एवं तिल की सरकारी खरीद अभी शुरू नहीं हुई है। सूरजमुखी की खरीद 2764 टन पर पहुंची है जो केवल कर्नाटक में हुई है।
सरकारी एजेंसी नैफेड द्वारा अभी तक 35,590 टन मूंगफली की खरीद की गई है जिसके तहत गुजरात में 33,794 टन, राजस्थान में 1096 टन तथा उत्तर प्रदेश में 700 टन की खरीद शामिल है।
जहां तक सोयाबीन का सवाल है तो इसक थोक मंडी भाव घटकर काफी नीचे आ गया है इसलिए नैफेड को इसकी खरीद की गति बढ़ाना पड़ रहा है।
अब तक किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 1,54,202 टन सोयाबीन खरीदा गया है जिसके तहत मध्य प्रदेश में 75,767 टन, तेलंगाना में 41,703 टन, महाराष्ट्र में 27,828 टन, राजस्थान में 5734 टन, कर्नाटक में 2198 टन तथा गुजरात में 971 टन की खरीद सम्मिलित है। सोयाबीन की खरीद बढ़ाने का प्रयास जारी है क्योंकि इसका लक्ष्य बहुत बड़ा है।
दलहन फसलों में केवल मूंग की अच्छी खरीद हो रही है। 25 नवम्बर 2024 तक कर्नाटक में 23,409 टन, राजस्थान में 47,079 तेलंगाना में 1004 टन तथा महाराष्ट्र में 14 टन के साथ को 71,506 टन मूंग की सरकारी खरीद हुई।
उड़द की खरीद 15 टन पर अटकी हुई है जो राजस्थान में की गई थी। दरअसल तुवर, उड़द, मूंगफली, सूरजमुखी एवं तिल का भाव अभी न्यूनतम समर्थन मूल्य के आसपास या उससे ऊपर चल रहा है और मंडियों में इसकी आवक भी कम हो रही है।
पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान तुवर, मूंग, सोयाबीन तथा मूंगफली के उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने तथा उड़द का उत्पादन घटने का अनुमान लगाया गया है।