iGrain India - लंदन । इंटरनेशनल शुगर ऑर्गेनिजेशन (आईएसओ) के 33 वें अन्तर्रष्ट्रीय सेमिनार में भारत की ओर से इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (इस्मा) ने चीनी उद्योग का प्रतिनिधित्व किया।
चीनी तथा ऊर्जा क्षेत्र के लिए स्थायी समाधान विषय पर आयोजित इस सेमिनार में इस्मा के महानिदेशक तथा केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव भी मौजूद थे।
यह सेमीनार लंदन के चर्च हाउस में आयोजित किया गया। इसमें केन्द्रीय खाद्य सचिव ने बेहद महत्वपूर्ण, उपयोगी एवं सारगर्भित विचार व्यक्त किए। इसके अलावा इस्मा के उपाध्यक्ष ने चीनी तथा ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की उल्लेखनीय उपलब्धि एवं प्रगति पर प्रकाश डाला।
इस सेमिनार को इन्द्रेश्वर शुगर मिल्स लि० के निदेशक तथा गोदावरी बायो रिफाइनरीज लि० के चेयरमैन ने भी सम्बोधित किया। इन वक्ताओं ने भारत की रणनीति अग्रता एवं उत्कर्ष पर चर्चा की और इस महत्वपूर्ण उद्योग में भविष्यत विकास के लिए एक बेहतर रोड मेप तैयार करने की आवश्यक पर जोर दिया।
विश्लेषकों का कहना था कि भारत में गन्ना का बिजाई क्षेत्र 57.10 लाख हेक्टेयर है और इसके सहारे वह निरंतर चलने वाली (सस्टेनेबल) प्रक्रिया की अगुवाई करने की स्थिति में पहुंच गया है।
गन्ना और चीनी के उत्पादन के प्रति भारत की दिलचस्पी कम नहीं हुई है। इस्मा भी कार्बन लिंकेज मैकेनिज्म का विकास करने में सक्रिय है ताकि जैव ईंधन निर्माताओं को फायदा मिल सके।
चीनी उद्योग तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को एथनॉल की आपूर्ति बढ़ा रहा है और पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य हासिल करने के लिए भरपूर प्रयास कर रहा है। भविष्य में हरित एवं ज्यादा सक्षम ऊर्जा के लिए निरंतर प्रयास जारी रहेगा ताकि पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायता-सफलता प्राप्त हो सके।